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Gujarat : पर्यटन निगम द्वारा पहली बार ‘वाइब्रेंट गुजरात’ प्री-नवरात्रि फेस्टिवल–2025 के अंतर्गत राजस्थान के उदयपुर में विशेष आयोजन किया जाएगा

Gujarat News (अभिषेक बारड) : यूनेस्को द्वारा मानवता की ‘अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ के रूप में मान्यता प्राप्त गुजरात के प्रसिद्ध लोकनृत्य गरबा की ताल पर अब उदयपुरवासी भी झूमेंगे, इसके लिए राज्य सरकार ने एक नया प्रयास किया है।

गुजरात पर्यटन निगम द्वारा आगामी 14 सितम्बर, 2025 को शाम 7:30 बजे उदयपुर के फिल्ड क्लब में पहली बार “वाइब्रेंट गुजरात प्री-नवरात्रि फेस्टिवल 2025” का भव्य आयोजन किया जाएगा।

इस विशिष्ट अवसर पर राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत तथा गुजरात के पर्यटन मंत्री मूलुभाई बेऱाणी की उपस्थिति में प्रतिष्ठित गायक पार्थिव गोहिल का लाइव प्रदर्शन होगा। साथ ही गुजराती लोकनृत्य, तलवार रास, गोफ गूंथण और मणियारो रास जैसे अनूठे नृत्य प्रस्तुत कर अद्वितीय ऊर्जा का अनुभव कराया जाएगा।

इसके अलावा पहली बार पोस्ट-नवरात्रि के भाग रूप में नवरात्रि के बाद ‘शरद पूर्णिमा’ की रात दिल्लीवासियों के लिए दिल्ली में विशेष गरबा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, ऐसा पर्यटन निगम, गांधीनगर की विज्ञप्ति में कहा गया है।

इस उत्सव की तैयारी के अंतर्गत, 8 से 13 सितम्बर तक उदयपुर के JCA डांस एंड स्पोर्ट्स फिटनेस हब में निःशुल्क गरबा वर्कशॉप का आयोजन किया गया है, ताकि स्थानीय नागरिक एवं आगंतुक गुजराती गरबा की लय, ताल और भावना से जुड़ सकें। यह निःशुल्क गरबा वर्कशॉप प्रतिदिन सुबह 10 से 1 बजे और शाम 7 से 11 बजे तक चलेगी। उदयपुर में गरबा वर्कशॉप के संबंध में अधिक जानकारी के लिए मो. 63581 44611 पर संपर्क किया जा सकता है।

गुजरात पर्यटन के प्रवक्ता ने गुजरात की संस्कृति का अनुभव लेने हेतु सभी नागरिकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि गरबा वर्कशॉप और मुख्य कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को गरबा की लय और भावना से जोड़ना है। यह उत्सव गुजरात और राजस्थान के बीच सांस्कृतिक सेतु बनेगा।

उल्लेखनीय है कि इस उत्सव के दौरान अनुभवी नर्तकों से लेकर पहली बार गरबा के ताल पर झूमने वाले उत्साही प्रतिभागियों तक, सभी के लिए परंपरागत परिधान अनिवार्य रहेंगे और सभी नागरिकों के लिए प्रवेश निःशुल्क होगा। श्रेष्ठ परंपरागत परिधान, श्रेष्ठ गरबा प्रदर्शन और श्रेष्ठ खिलाड़ी के लिए विभिन्न रूपों में ₹5000/- तक के आकर्षक वाउचर–पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, गुजरात की सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाने वाला यह उत्सव केवल नृत्य-संगीत तक सीमित न रहकर, खिलाड़ियों को गुजरात की समृद्ध हस्तकला और पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर भी प्रदान करेगा, ऐसा विज्ञप्ति में आगे कहा गया है।

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