नई दिल्ली, 22 अगस्त : दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के अध्यक्ष डॉ आलोक भंडारी ने वीरवार को कहा कि हम ने मुख्य न्यायाधीश के विस्तृत आदेश के बाद सर्वोच्च न्यायालय में एक लिखित प्रस्तुतिकरण दायर किया है। इसमें चार मांगें शामिल हैं।
डॉ आलोक के मुताबिक पहली मांग एनएमसी और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों को निर्देश दिया जाए कि वे कार्यस्थल पर सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं को न्यायालय के आदेश में उल्लिखित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की मान्यता के लिए अनिवार्य मानदंड बनाएं। दूसरी मांग, संस्थागत एफआईआर को 2 घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से दर्ज कराया जाए। तीसरी मांग पीड़ित और परिवार के लिए मुआवजा संकट कोष की स्थापना की जाए और चौथी व अंतिम मांग नेशनल टास्क फोर्स में डीएमए प्रतिनिधि को शामिल किया जाए। उन्होंने बताया कि डीएमए उन तीन प्रतिवादियों में से एक था जिनके आवेदन 20 अगस्त को सुनवाई से पहले सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत किए गए थे और डीएमए के 8 में से 6 बिंदुओं को सीजेआई के आदेश में जगह मिली है।