17 साल से परेशान विदेशी मरीज को भारत में मिली विशाल ट्यूमर से निजात
-साल 2008 से मरीज पीठ पर पनप रहा था करीब 17 किलो का ट्यूमर
नई दिल्ली, 2 मई (टॉप स्टोरी न्यूज़ नेटवर्क) : करीब 17 किलोग्राम के ट्यूमर के साथ जीने को मजबूर 27 वर्षीय युवक को फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम ने ट्यूमर से निजात दिलाने में सफलता प्राप्त की है। यही नहीं पीठ के बड़े हिस्से से ट्यूमर हटाने के बाद वहां नई स्किन लगाने की जरुरत को मरीज के ट्यूमर की ही स्किन से पूरा करके अनूठी उपलब्धि भी हासिल की है।
इस जटिल सर्जरी को एफएमआरआई, गुरुग्राम के डॉ निरंजन नायक और डॉ सुशील कुमार जैन के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने संपन्न किया। डॉ नायक के मुताबिक यह मरीज पैसिफिक आइलैंड्स से इलाज के लिए भारत आया था और इससे पहले वह इलाज के लिए अन्य देशों के अस्पतालों में भी जा चुका था लेकिन ट्यूमर के बड़े साइज और 16.7 किग्रा वजन के चलते हर जगह सर्जरी से इनकार कर दिया गया।
डॉ निरंजन नायक ने बताया कि यह ट्यूमर साल 2008 से मरीज की पीठ पर पनप रहा था और एक बोरे की तरह लटका हुआ था। फोर्टिस गुरुग्राम ने इस चुनौती को स्वीकार किया और मरीज की विस्तृत जांच के बाद, दो चरणों में सर्जरी करने का फैसला किया। पहले चरण में 11 महत्वपूर्ण ब्लड वैसल्स को ब्लॉक किया गया ताकि ट्यूमर रिमूवल की प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव नहीं हो।
डॉ सुशील कुमार जैन ने बताया कि ट्यूमर में कई बड़े आकार की आर्टरी और वेन्स मौजूद थीं और ट्यूमर ने मरीज की पूरी पीठ को ढक रखा था। इस तरह उनके शरीर का करीब 18% हिस्सा ही एक्सपोज्ड (रॉ एरिया) था। इतने बड़े भाग को सर्जरी के बाद कवर करना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था।
उन्होंने कहा, यदि मरीज की दोनों जांघों से हैल्दी स्किन लेकर स्किन ग्राफ्ट की जाती तो कुल एक्सपोज़्ड हिस्सा बढ़कर करीब 35-36% तक हो जाता, जिससे मुश्किल बढ़ सकती थी। इससे बचने के लिए, सर्जन्स ने ट्यूमर से ही ग्राफ्ट लेने का फैसला किया क्योंकि यह गैर-कैंसरकारी था। इस इनोवेटिव एप्रोच के चलते मरीज की पूरी पीठ को, मरीज के ट्यूमर से ही स्किन ग्राफ्ट लेकर कवर किया गया। यह पूरी प्रक्रिया करीब 10 घंटे तक चली और मरीज को चार दिन बाद ही स्थिर अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।