स्वास्थ्य

माइग्रेन को ठीक करने के लिए खान-पान पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, ये टिप्स

कभी-कभी सिर में बेहद तेज दर्द होने लगता है. हालात इतने ज्यादा बिगड़ जाते हैं कि हल्की-सी रोशनी भी बेहद दिक्कत देती है. पूरी दुनिया धुंधली नजर आती है और हर आवाज और हरकत तकलीफदेह हो जाती है. हालात उस वक्त ज्यादा बिगड़ जाते हैं, जब आप उल्टी जैसा भी महसूस करने लगते हैं. अगर आप भी ऐसे ही लक्षणों से बार-बार रूबरू होते हैं तो यह कुछ और नहीं, बल्कि माइग्रेन है.

क्या होता है माइग्रेन?

माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसके तहत सिर में धीमे से लेकर बेहद तेज दर्द तक होता है. हालांकि, यह दर्द सिर में एक ही तरफ होता है. यह साधारण सिरदर्द से एकदम अलग होता है, जो किसी भी शख्स की जिंदगी पर भी असर डाल सकता है. माइग्रेन का अटैक कुछ घंटे से लेकर दिनभर तक रह सकता है.

माइग्रेन का इलाज क्या?

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनियाभर में हर साल करीब एक बिलियन लोग माइग्रेन से परेशान रहते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि माइग्रेन का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, दवा की मदद से इससे बचाव या रोकथाम कर सकते हैं. नींद का एक नैप लेकर, बेहद शांत और अंधेरे में आराम करके, काफी ज्यादा पानी पीकर और आइस पैक का इस्तेमाल करके माइग्रेन के लक्षणों से राहत मिल सकती है.

क्या जेनेटिक होता है माइग्रेन?

कुछ लोग दावा करते हैं कि माइग्रेन जेनेटिक होता है, जबकि ऐसा नहीं है. बेहद कम ऐसे मामले हैं, जिनमें माइग्रेन एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में देखा जाता है. हालांकि, तमाम ऐसे कारण हैं, जिनकी वजह से माइग्रेन हो सकता है. इनमें मौसम में बदलाव सबसे अहम है. इसके अलावा सोने के तरीके में बदलाव होने पर भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है. माइग्रेन की दिक्कत महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है, जिसकी वजह हार्मोंस में बदलाव और स्ट्रेस होता है.

क्या खान-पान से भी होता है माइग्रेन?

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि खान-पान पर ध्यान नहीं देने से भी माइग्रेन की समस्या हो सकती है. नमक, चीनी और अल्कोहल ऐसी चीजें हैं, जिनसे काफी लोगों को माइग्रेन से जूझना पड़ता है. डॉक्टर्स की मानें तो 5सी कॉन्सेप्ट के बाद खान-पान को माइग्रेन के ट्रिगर के रूप में देखा जाने लगा है. इन 5सी में चीज़, चॉकलेट, कॉफी, कोक और साइट्रस फ्रूट्स यानी खट्टे फल शामिल हैं. ब्राजील में हुई एक स्टडी में तो तरबूज को भी माइग्रेन का ट्रिगर बताया गया है. इस स्टडी में शामिल 29 फीसदी मरीजों को तरबूज खाने के बाद सिरदर्द होने लगा था.

इस तरह की डाइट से मिल सकता है आराम

डॉक्टर्स के मुताबिक, सही डाइट की मदद से भी माइग्रेन में आराम मिल सकता है. इसके लिए सही समय पर भोजन करना बेहद जरूरी है, क्योंकि मील स्किप करने से भी माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है. वहीं, मैग्निशियम रिच डाइट लेने से माइग्रेन के अटैक में कमी आती है. इस तरह की डाइट में पालक, केल, बादाम, चिया सीड्स, एडामे और केला आदि को शामिल किया जा सकता है. वहीं, ओमेगा-3 फैटी एसिड डाइट भी राहत दे सकती है, जिसके लिए मछली, चिया सीड्स और अखरोट आदि का सेवन करना चाहिए. माइग्रेन से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए. इसके अलावा कीटो डाइट से भी इस समस्या से बचाव हो सकता है.

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