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ऑपरेशन सिंदूर के हीरो Vikram Misri हुए ट्रोल का शिकार, ओवैसी और कांग्रेस नेता ने किया समर्थन

Vikram Misri: ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता सलमान अनीस सोज ने किया समर्थन। जानिए पूरा मामला।

Vikram Misri: ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता सलमान अनीस सोज ने किया समर्थन। जानिए पूरा मामला।

 विदेश सचिव Vikram Misri हुए ट्रोल का शिकार, ओवैसी और कांग्रेस नेता ने किया समर्थन

भारत-पाकिस्तान सीजफायर की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर विदेश सचिव Vikram Misri को ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। ऑपरेशन सिंदूर में सेना की ओर से निर्णायक भूमिका निभाने वाले मिसरी पर अब व्यक्तिगत हमले किए जा रहे हैं। आलोचक न सिर्फ उनके पुराने पोस्ट्स और तस्वीरों को निशाना बना रहे हैं, बल्कि उनके परिवार तक पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर रहे हैं।

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ओवैसी और सलमान सोज ने किया बचाव

इस ट्रोलिंग के बीच AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी खुलकर Vikram Misri के समर्थन में सामने आए। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —

“विक्रम मिसरी एक ईमानदार और मेहनती राजनयिक हैं। वे भारत की सेवा में समर्पित हैं। सिविल सेवक कार्यपालिका के अधीन काम करते हैं, उन्हें राजनीतिक निर्णयों के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।”

वहीं, कांग्रेस नेता सलमान अनीस सोज ने भी ट्रोल्स को आड़े हाथों लेते हुए लिखा —

“विक्रम मिसरी एक कश्मीरी हैं जिन्होंने भारत को गौरवान्वित किया है। अगर आप उनका सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम चुप रहिए।”

ऑपरेशन सिंदूर की प्रमुख आवाज बने थे Vikram Misri

Vikram Misri, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की कार्रवाई की जानकारी साझा करने के लिए मीडिया के समक्ष सक्रिय रूप से सामने आए थे। तीनों अधिकारियों ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश की कूटनीतिक और सैन्य स्थिति को दुनिया के सामने रखा।

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क्यों हो रही है नाराजगी?

सीजफायर की घोषणा जिस ‘अचानक और चौंकाने वाले’ अंदाज़ में हुई, उससे जनता के एक वर्ग में नाराजगी देखने को मिल रही है। इसी नाराजगी के चलते कुछ लोगों ने अपनी भड़ास विदेश सचिव पर निकालनी शुरू कर दी — जबकि ये फैसला नीति-निर्धारकों का होता है, न कि किसी अफसर का।


Vikram Misri जैसे वरिष्ठ और कर्मठ अफसर पर निजी हमले करना न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि यह देश की लोकतांत्रिक और प्रशासनिक व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाता है। सोशल मीडिया को आलोचना का मंच बनाते हुए मर्यादा बनाए रखना ज़रूरी है।

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