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उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के काम की खुली पोल, 24 घंटे भी नहीं टिक पाई मरम्मत की हुई सड़क

उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा प्राधिकरण के काम की खुली पोल, 24 घंटे भी नहीं टिक पाई मरम्मत की हुई सड़क

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, नोएडा। सड़कों की मरम्मत के नाम पर फिर से बड़ा खेल सामने आया है. सेक्टर-16 से सेक्टर-57 के बीच की सड़क पर लाखों रुपये खर्च कर पैचवर्क किया गया, लेकिन यह मरम्मत 24 घंटे भी नहीं टिक पाई. सुबह होते-होते सड़क पर बिछाई गई परत पूरी तरह उखड़ गई और बजरी सड़क पर फैल गई. स्थानीय लोगों ने नोएडा प्राधिकरण की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

दरअसल नोएडा स्टेडियम और सेक्टर-12/22 रेड लाइट के बीच आने वाले इस मार्ग पर हाल ही में गड्ढों को भरने का कार्य किया गया था. इस काम का ठेका एक निजी कंपनी को दिया गया था ताकि टूटी सड़क पर लोगों को राहत मिल सके. लेकिन यह राहत नोएडा वासियों के लिए केवल दिखावे की साबित हुई. बारिश तो दूर, रातभर की हवा और हल्के वाहनों के दबाव में ही सड़क का पैचवर्क टूट गया. सुबह सड़क पर गिट्टी और बजरी बिखरी पड़ी थी, जिससे दोपहिया वाहन सवारों के फिसलने का खतरा बना हुआ है.

जनता ने जताया आक्रोश

स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब नोएडा प्राधिकरण ने मरम्मत के नाम पर जनता के साथ मजाक किया हो. रोजमर्रा इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि सड़क की मरम्मत केवल दिखावे के लिए होती है. बाहर से सड़क चमकदार दिखती है लेकिन अंदर से पूरी तरह खोखली रहती है.
सेक्टर-22 निवासी राकेश कुमार ने बताया, “हर कुछ महीने में सड़क पर मरम्मत का बोर्ड लग जाता है. कुछ लोग आते हैं, ऊपर से डामर डालते हैं और चले जाते हैं. अगले ही दिन सड़क फिर से उखड़ जाती है.” वहीं एक अन्य स्थानीय महिला ने कहा, “यह सड़क इतनी फिसलन भरी हो चुकी है कि बच्चों को स्कूल ले जाते समय डर लगता है.”

घटिया सामग्री और ठेकेदारों की भूमिका पर सवाल

लोगों का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त ठेकेदार सस्ती और घटिया सामग्री का प्रयोग करते हैं. इस कारण सड़कें कुछ ही दिनों में उखड़ जाती हैं. नागरिकों का कहना है कि यदि उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग किया जाए और काम की निगरानी सख्ती से की जाए, तो सड़कें वर्षों तक टिक सकती हैं.
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि प्राधिकरण तुरंत इस मामले की जांच करे और दोषी ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए. साथ ही भविष्य में इस तरह की लापरवाही रोकने के लिए जवाबदेही तय की जाए.

सड़क सुरक्षा पर खतरा बना हालात
उखड़ी हुई सड़क पर फैली गिट्टी और बजरी से हादसे का खतरा बढ़ गया है. कई वाहन चालक यहां फिसल चुके हैं. ट्रैफिक पुलिस ने भी इस मार्ग पर सावधानी बरतने की अपील की है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की सतही मरम्मत न केवल सरकारी धन की बर्बादी है, बल्कि लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी है.

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