उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा से अपहरण के 10 साल बाद मिला बच्चा
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा से अपहरण के 10 साल बाद मिला बच्चा

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा पुलिस ने 10 साल पहले गायब हुए बच्चे को उसके परिवार से मिला दिया। जब बच्चे का अपहरण हुआ था वो महज सात साल का था। बच्ची की बरामदगी हरियाणा के सूरजकुंड से की गई। बच्चे को बरामद किया गया तब उसे सिर्फ माता पिता का नाम याद था। पुराने एफआईआर दस्तावेज खंगालने के बाद बच्चे के पिता के मित्र की जानकारी मिली। उनसे संपर्क किया गया । बच्चे की शारीरिक पहचान बताई गई। जिसके बाद बच्चे को उनके माता पिता के सपुर्द किया गया।
डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि 6 नवंबर 2015 को बच्चा परिवार के साथ गेझा गांव में रहता था। घर के बाहर खेल रहा था अचानक वहां से गायब हो गया। 8 नवंबर 2015 को थाना फेज-2 मुकदमा दर्ज किया गया। बच्चे की तलाश की गई। करीब 7 साल तक बच्चे की तलाश की गई। वो नहीं मिला जिसके बाद 20 दिसंबर 2022 में फाइल रिपोर्ट लगाकर केस को बंद कर दिया गया। इधर बच्चे का परिवार अपने पैतृक निवास मैनपुरी चला गया।
फरीदाबाद में अपहरण से खुला केस
डीसीपी ने बताया कि 28 मई 2025 को थाना सूरजकुंड जनपद फरीदाबाद हरियाणा पर एक अन्य बच्चे की किडनेपिंग का मुकदमा दर्ज किया गया। हरियाणा पुलिस ने जांच पड़ताल की 2 जून 2025 को आरोपी मंगल कुमार को गिरफ्तार किया गया । और खोए हुए बच्चे को बरामद कर लिया। इस दौरान सूरजकुंड पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की। उसने बताया कि एक और बच्चा कई साल पहले उसने नोएडा से किडनैप करके लाया था। पुलिस ने उस बच्चे को बरामद किया।
नोएडा पुलिस को दी जानकारी
सूरजकुंड पुलिस ने ये जानकारी नोएडा कमिश्नरेट को साझा की। जिसके बाद यहां थानों में फाइलों को खंगाला गया। जो नाम हरियाणा पुलिस ने बताया कि था उस नाम का कोई भी केस यहां दर्ज नहीं था। ऐसे में आरोपी ने जिस साल की बात की। उस दौरान के केस खंगाले गए। थाना फेज-2 का एक केस मिला। जिसमें किडनैपिंग का पैटर्न और बच्चे के द्वारा बताया गई लोकेशन की जानकारी मिली। पुलिस को शक था कि ये वही बच्चा है जिसे गेझा से किडनैप किया गया।
छह घंटे से बच्चे से की बातचीत
पुलिस ने बच्चे को थाना फेज-2 थाना बुलाया। वहां उससे प्यार से समझा बुझा कर छह घंटे तक बातचीत की। बच्चे ने अपने माता-पिता का नाम बताया। ये भी पता लगा कि बच्चे का असली नाम हिमांशु था जिसके नाम पर केस था और वहां बदलकर इसका नाम प्रियांशु कर दिया गया। पुराने नाम से फाइलों को खंगाला गया। तब केस की जानकारी स्पष्ट हो गई। केस पर नाम बच्चे के पिता का नहीं बल्कि उसके पिता के मित्र का था। जो अब नोएडा नहीं बल्कि आगरा में रह रहे है।
नोएडा पुलिस ने आगरा किया संपर्क
डीसीपी ने बताया कि इतनी जानकारी मिलने के साथ ही पुलिस ने आगरा में संपंर्क किया और बच्चे के मूल माता-पिता की जानकारी ली। वो भी नोएडा में नहीं मिले। वो अब मैनपुरी रहने लगे थे। माता पिता को बच्चे के बारे में जानकारी दी गई। उनको विश्वास नहीं हुआ। इसके बाद बच्चे के शारीरिक हुलिया के बारे में माता-पिता से पूछा।
कटी उंगली और घाव से हुई पहचान
माता-पिता ने बच्चे की दाहिने हाथ की कटी उंगली और बाय आंख के नीचे एक घाव का निशान के बारे में जानकारी दी। दोनों चिन्हों का मिलान हो जाने पर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों को नोएडा बुलाया गया। माता-पिता ने इसकी जानकारी बच्चे के बड़े भाई को दी। इसके बाद भाई, चाची व जीजा थाना फेस-2 पर आए और सबसे पहले तो बच्चे के हाथ की कटी उंगली देखाी। और लिपटकर रोने लगे। जिसके बाद बाद बच्चे ने अपने बड़े भाई को पहचान लिया।
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