उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा-गुड़गांव में 47 जगहों पर CBI की रेड, होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में एक्शन, 22 बिल्डर्स पर FIR
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा-गुड़गांव में 47 जगहों पर CBI की रेड, होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में एक्शन, 22 बिल्डर्स पर FIR

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। दिल्ली-एनसीआर में हजारों होम बायर्स के साथ धोखाधड़ी करने वाले बिल्डर्स के खिलाफ सीबीआई ने बड़ा एक्शन लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 22 एफआईआर दर्ज कर 47 ठिकानों पर छापेमारी की। यह एक्शन सबवेंशन स्कीम घोटाले से जुड़ा है। जिसमें बिल्डर्स और वित्तीय संस्थानों ने मिलकर होम बायर्स को ठगा गया। सीबीआई ने बिल्डर और फाइनेंशियल संस्थानों के बीच मिलीभगत के मामले में कुल 22 केस दर्ज किए हैं।
इस संबंध में सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद स्थानों पर रेड कंडक्ट की। तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि बिल्डरों और कुछ फाइनेंशियल संस्थानों के अधिकारियों के बीच साठगांठ है। जिसकी वजह से होम बायर्स को जानबूझकर एक फर्जी और जालसाजी वाली सबवेंशन स्कीम के जरिए फंसाया गया।
अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को 7 प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी शुरू करने को कहा था। सीबीआई ने 3 महीने के भीतर 6 प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी पूरी की और कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी। इससे पहले सीबीआई ने बिल्डर से संबंधित दस्तावेज नोएडा, ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण से लिए थे। जिसमें काफी खामियां मिली। इन्ही साक्ष्यों के आधार पर सीबीआई ने तलाशी अभियान चलाया।
बिल्डर 2014 में लाए थे सबवेंशन स्कीम
नोएडा, ग्रेटर नोएडा में सब वेंशन स्कीम के तहत लाई गई ग्रुप हाउसिंग योजनाओं की शुरुआत 2014 के आसपास हुई थी। योजना में धांधली के लिए कुछ बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंकों से लोन पास कराए। बैंकों ने बिना मूल्यांकन और निरीक्षण के रकम जारी कर दी। अधिकारियों के अनुसार, बिल्डर और बैंक के बीच अघोषित समझौते के तहत बैंकों ने बिल्डरों को लोन की पूरी राशि दे दी।
शर्तों के तहत फ्लैट का कब्जा मिलने तक बिल्डर को ही ईएमआई का भुगतान करना था, लेकिन कुछ समय बाद बिल्डरों ने ईएमआई देनी बंद कर दी और खरीदारों को फ्लैट भी नहीं दिए। इससे खरीदारों पर ईएमआई का बोझ आ गया और बड़ी संख्या में खरीदार डिफॉल्टर हो गए। कुछ वर्षों बाद इन योजनाओं को लाने वाले अधिकांश बिल्डर दिवालिया हो गए।
40 परियोजनाओं के बायर्स हुए डिफाल्टर
नोएडा-ग्रेनो समेत एनसीआर की करीब 40 परियोजनाओं में हजारों फ्लैट खरीदार फंसे हुए हैं। सीबीआई स्पोर्ट्स सिटी मामले की भी जांच कर रही सीबीआई नोएडा में स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की भी जांच कर रही है। बीते एक महीने में तीन-चार बार सीबीआई की टीम प्राधिकरण के दफ्तर आ चुकी है। टीम ने स्पोर्ट्स सिटी की सेक्टर-78, 79, 150 और 152 में आवंटित हुए भूखंडों की भी मौके पर जाकर जांच की। सीबीआई इन जगहों का ड्रोन से भी सर्वे कर चुकी है।
इन बिल्डरों पर एफआईआर
सुपरटेक प्राइवेट लिमिटेड
मेसर्स एवीजे डेवलपर्स (इंडिया) प्रा. लिमिटेड/ एवीजे हाइट्स
मेसर्स अर्थकॉन यूनिवर्सल इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड / कासा रॉयल
मेसर्स रुद्र बिल्डवेल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड रुद्र पैलेस हाइट
मेसर्स जियोटेक प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड जियोटेक ब्लेसिंग
मेसर्स शुभकामना बिल्डटेक प्रा. लिमिटेड शुभकामना सिटी
मेसर्स बुलंड बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड बुलंड एलीवेट्स
मेसर्स डिसेंट बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड प्रोजेक्टश्री राधा एक्वा गार्डन्सप्रोजेक्ट
मेसर्स रुद्र बिल्डवेल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड केबीनॉव्स अपार्टमेंट्स
मेसर्स साहा इंफ्राटेक प्रा. लिमिटेड अमाडेस
मेसर्स ड्रीम प्रोकॉन प्राइवेट लिमिटेड विक्ट्री ऐस
मेसर्स लॉजिक्स सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ब्लॉसम जेस्ट
मेसर्स शुभकामना बिल्डटेक प्रा. लिमिटेड शुभकामना- एडवर्ट टेक होम्स
मेसर्स जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड ऑर्चर्ड्स
मेसर्स सीक्वल बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड द बेल्वेडियर
मेसर्स अजनारा इंडिया लिमिटेड अजनारा एम्ब्रोसिया
वाटिका लिमिटेड वाटिका टर्निंग प्वाइंट
सीएचडी डेवलपर्स लिमिटेड 106 गोल्फ-एवेन्यू
नाइनेक्स डेवलपर्स लिमिटेड नाइनेक्स सिटी
जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड/जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड कोव प्रोजेक्ट कासिया प्रोजेक्ट
मेसर्स आइडिया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड रेड एप्पल रेजीडेंसी
मेसर्स मंजू जे होम्स इंडिया लिमिटेड रेड एप्पल होम्स