उत्तर प्रदेश, नोएडा: जेवर पुलिस ने झूठे अपहरण का किया पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -एयरपोर्ट परियोजना में की गई साजिश, पायलट समेत पांच गिरफ्तार

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। जेवर कोतवाली पुलिस ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के विस्थापन, अधिग्रहण और पुनर्वास कार्य में रुकावट डालने के लिए रचे गए एक झूठे अपहरण की साजिश का पर्दाफाश किया है। पुलिस और स्वाट टीम की संयुक्त कार्रवाई में अपहृत किसान हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और बेटे सौरभ को सकुशल बरामद कर लिया गया। इस सनसनीखेज मामले में एक पायलट सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो महिलाएं शामिल हैं। साजिश का मकसद जमीन पर कब्जा, एयरपोर्ट परियोजना में बाधा और क्षेत्र में दबदबा स्थापित करना था।
डीसीपी ग्रेटर नोएडा शाद मियां खान ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के प्रथम चरण के तहत छह गांवों के निवासियों को जेवर में आरआर साइट पर पुनर्वासित किया गया था। ग्राम रोही के निवासी हंसराज और उनका परिवार, जिसमें उनकी पत्नी कमलेश देवी और बेटे सौरभ व सोनू शामिल हैं, पुनर्वास स्थल पर जाने से असहमत थे। वे तीन साल से एयरपोर्ट परिसर की बाउंड्री के भीतर रह रहे थे। 29 मई 2025 को प्रशासन ने उन्हें वहां से हटाकर आरआर साइट पर आवंटित भूखंड पर शिफ्ट किया। इसके बाद, 2 जून 2025 को सौरभ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस रिट दायर कर दावा किया कि उनके माता-पिता और भाई को पुलिस और प्रशासन ने अवैध रूप से हिरासत में लिया है। कोर्ट ने 9 जून को रिट स्वीकार की और 11 जून को अपहृतों को पेश करने का आदेश दिया। इस आदेश ने पुलिस को त्वरित कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।
वैज्ञानिक जांच और पुलिस की सक्रियता
पुलिस ने सात जांच टीमें गठित कर वैज्ञानिक पद्धतियों का उपयोग करते हुए तलाश शुरू की। शुरुआती जांच में कोई ठोस सुराग नहीं मिला, क्योंकि अपहृत परिवार को कहीं स्वतंत्र रूप से घूमते नहीं देखा गया और उनके मोबाइल फोन बंद थे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 7 जुलाई 2025 तय की। इस बीच, 26 जून को हंसराज के परिचित कामेश की शिकायत पर जेवर थाने में धारा 140(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज हुआ, जिसने जांच को नई दिशा दी।
मास्टरमाइंड पायलट का जाल
पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मास्टरमाइंड कैप्टन पुत्तन सिंह, जो पेशे से पायलट है, और उनके साथियों ने 6 जून 2025 की रात हंसराज और उनके परिवार को इलाज के बहाने झांसा देकर अपहरण किया। उन्हें बीएमडब्ल्यू कार से पहले सेक्टर-135, नोएडा ले जाया गया, फिर मैदानगढ़ी, दिल्ली में रिश्तेदार रामा देवी के मकान में छिपाया गया। 15 जून की सुबह तड़के उन्हें दयानतपुर गांव के एकांत में स्थित पवन चौधरी के फार्महाउस में स्थानांतरित किया गया। इस दौरान अपहृतों का बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह काट दिया गया। उन्हें बंधक बनाकर रखा गया ताकि हाईकोर्ट में पुलिस और प्रशासन को दोषी ठहराया जा सके। इस साजिश का मकसद था एयरपोर्ट परियोजना में विघ्न डालना, जमीन पर अवैध कब्जा करना और क्षेत्र में राजनीतिक, सामाजिक व आर्थिक दबदबा स्थापित करना।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और बरामदगी
26 जून 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने दयानतपुर के बाहरी इलाके में छापेमारी की। इस कार्रवाई में हंसराज, उनकी पत्नी कमलेश देवी और बेटे सौरभ को सकुशल बरामद कर लिया गया। साथ ही, पुलिस ने अहम सुरागों के आधार पर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में प्रमोद सिंह ग्राम दयानतपुर जेवर, पवन चौधरी ग्राम दयानतपुर, जेवर, रामादेवी मैदानगढ़ी, दिल्ली, सरोजबाला पत्नी कैप्टन पुत्तन सिंह सेक्टर 135 भी शामिल हैं। इनके पास से घटना में प्रयुक्त बीएमडब्ल्यू कार भी बरामद की गई है।
अधिकारी भी रडार पर
पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि इस संगठित आपराधिक षड्यंत्र में कुछ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। इस दिशा में जांच जारी है और साक्ष्य एकत्र कर जल्द ही आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पूरे घटनाक्रम का मूल उद्देश्य जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परियोजना के विकास, विस्थापन और पुनर्वास प्रक्रिया को बाधित करना था। साथ ही पुलिस व प्रशासन पर गलत आरोप लगाकर क्षेत्र में डर और प्रभाव का माहौल बनाना तथा इससे अनुचित आर्थिक लाभ उठाना इस षड्यंत्र का हिस्सा था।