उत्तर प्रदेश, नोएडा: IRCTC की प्रदाता कंपनी ने वेंडर्स का रोका भुगतान
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -एमएसएमई वेंडर्स एसोसिएशन ने लगाए गंभीर आरोप, रेल मंत्री से पैसा दिलाने की गुजारिश

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। भारतीय रेलवे में कैटरिंग का काम करने वाली नोएडा स्थित निजी कंपनी की मनमानी से छोटे छोटे माल की सप्लाई करने वाले वेंडर्स बेहद परेशान हैं। सोमवार को एमएसएमई वेंडर्स एसोसिएशन ऑफिस इंडिया के सदस्यों ने प्रेसवार्ता की।
वार्ता के दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने आईआरसीटीसी के रजिस्टर्ड वेंडर अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर आरोप लगाया है की कंपनी पिछले 7 से 8 महीनों से अपने साथ काम करने वाले छोटे छोटे वेंडर्स/ सप्लायर्स का भुगतान रोककर बैठी है। हालांकि सभी आरोपों को उक्त कंपनी प्रबंधन ने बेबुनियाद बताया है। उन्होंने आरोपों को सिरे से नकारते हुए कानूनी कार्यवाही की बात की है।
छोटे सप्लायर का रोका पैसा
ऐसे में छोटा कारोबार करने वाले वेंडर्स को जीवन यापन करने में भी काफी दिक्कत आ रही है। वेंडर्स एसोसिएशन के सुशील तोमर ने बताया की नोएडा के ए-16 सेक्टर 6 स्थित अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी आईआरसीटीसी का अधिकृत कैटरिंग सेवा प्रदाता है। वर्तमान में पूरे देश ने करीब 60 से अधिक मेल, एक्सप्रेस एवं वंदे भारत ट्रेनों में खाद्य सेवा का संचालन करती है। लेकिन कंपनी द्वारा करीब 6 से 8 महीनों से अपने सैकडों सप्लायरों और वेंडरों का भुगतान रोककर बैठी हुई है।
बकाया मांगने पर मिली धमकी
जिसकी बकाया राशि करीब 7 से 8 करोड़ रुपए बैठती है। अमन गुप्ता ने बताया की जब भी कोई वेंडर सेक्टर 6 स्थित कंपनी के मुख्य कार्यालय में भुगतान की मांग करने पर परचेज और अकाउंट मैनेजर की ओर से धमकी दी जाती है। आरोप लगाया की हमें बाउंसर के जरिए डराया धमकाया जाता है साथ ही कई बार मारपीट भी की जा चुकी है। हमारी मानसिक स्थिति इस कदर बिगड़ चुकी है। उन्होंने रेल मंत्री और सरकार से गुजारिश की है कि हमे जल्द ही पैसों का भुगतान करवाया जाए।
अंबुज होटल एंड रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ने दिया अपना पक्ष
कंपनी के प्रबंधन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया है। उन्होंने कहा कि हम वास्तविक विक्रेताओं और एमएसएमई का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दबाव की रणनीति के आगे नहीं झुकेंगे। बढ़ी हुई कीमतों पर घटिया काम स्वीकार नहीं करेंगे। हितधारकों और मीडिया से निष्कर्ष निकालने से पहले दोनों पक्षों से तथ्यों को सत्यापित करने का आग्रह करते हैं। हम दुर्भावना पूर्ण तत्वों के खिलाफ मानहानि और एग्रीमेंट के उल्लंघन पर कानूनी कार्यवाही करेंगे।