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उत्तर प्रदेश, नोएडा: बीटेक छात्रा आत्महत्या मामला: केसीसी कॉलेज ने गठित की जांच समिति, विद्यार्थी परिषद ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश, नोएडा: बीटेक छात्रा आत्महत्या मामला: केसीसी कॉलेज ने गठित की जांच समिति, विद्यार्थी परिषद ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन

अमर सैनी

उत्तर प्रदेश, नोएडा

बीटेक छात्रा के आत्महत्या के मामले की जांच के लिए केसीसी इंस्टीट्यट कॉलेज की ओर से मामले की जांच के लिए गुरुवार को जांच समिति गठित की गई है। समिति 10 अगस्त तक जांच कर अपनी रिपोर्ट बीटा-2 कोतवाली पुलिस को सौंपगी। प्रबंधन की ओर से मामले में दो प्रोफेसरों को निलंबित किया है। गोपनीयता का हवाला देते हुए प्रबंधन ने निलंबित प्रोफेसरों का नाम साझा करने से इंकार किया है। वहीं पुलिस का कहना है कि समिति की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी

बिहार के वैशाली की खुशबू (19) नॉलेज पार्क स्थित जीएनआईओटी कॉलेज से बीटेक (एआईबीएस) प्रथम वर्ष की छात्रा ने मंगलवार रात फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा के भाई का आरोप है कि केसीसी कॉलेज में 9 जुलाई को छात्रा परीक्षा देने गई थी। परीक्षा के दौरान वह वॉशरूम गई थी। वहां से वापस आने पर शिक्षक ने सीट पर नकल की पर्ची मिलने की बात कहकर उसकी उत्तर पुस्तिका जब्त कर नई उत्तर पुस्तिका दी थी। तभी से छात्रा तनाव में चल रही थी। उसने इसकी शिकायत अपने कॉलेज में की थी, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली।

केवल काउंसलिंग की गई। बाद में छात्रा ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) को ईमेल कर शिकायत की थी। महिला आयोग और केसीसी कॉलेज के डायरेक्टर को भी ईमेल किया था, लेकिन किसी स्तर से उसे मदद नहीं मिली। छात्रा ने शिकायत में लिखा था कि बिना गलती उसकी कॉपी छीन ली गई। पर्ची उसकी नहीं थी। जिस विषय की परीक्षा थी, पर्ची उस विषय की भी नहीं थी। उसने माफी भी मांगी थी। इसके बाद भी उसकी परीक्षा में अनुचित साधन एवं कदाचार (यूएफएम) लगा दी गई। इससे छात्रा को बैक लगने की आशंका थी और वह तनाव में थी।

सीडीआर खंगाल रही पुलिस
पुलिस की छानबीन में पता चला है कि खुशबू ने खुदकुशी करने से पहले अपने एक दोस्त को व्हाट्सऐप पर मैसेज किया था। इसके अलावा रजिस्टर में परिवार से जुड़ी कुछ बातों का जिक्र किया है। पुलिस मोबाइल और रजिस्टर में लिखे नोट की भी जांच कर रही है। वहीं कोतवाली प्रभारी विनोद कुमार का कहना है कि मामले में जांच के लिए केसीसी कॉलेज प्रबंधन को समिति बनाने को कहा है। पुलिस टीम भी अपनी जांच कर रही है। कॉलेज प्रबंधन की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

विद्यार्थी परिषद ने डीसीपी को सौंपा ज्ञापन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने केसीसी कॉलेज प्रकरण में बृहस्पतिवार को डीसीपी ग्रेटर नोएडा साद मियां को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि छात्रा पर परीक्षा के दौरान नकल करने का झूठा आरोप लगाकर यूएफएम लगाया गया। परेशान छात्रा ने कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय स्तर पर शिकायत की, लेकिन न्याय नहीं मिला। मानसिक प्रताड़ना, सामाजिक दबाव और भविष्य की चिंता से व्यथित होकर छात्रा ने आत्महत्या कर ली। प्रकरण की महिला थाना या एसआइटी से जांच कराने आरोपियों को निलंबित करने और सभी निजी तकनीकी संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केंद्र और एंटी-हैरासमेंट सेल की स्थापना की मांग की। 24 घंटे में कार्रवाई नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी है। इस मौके पर विभाग संयोजक वैभव मिश्रा, जिला संयोजक देव नागर, अभिनव वत्स, वैभव श्रीवास्तव, आयुष, खुशी, प्रियंका, अनमोल, राज, यशस्वी, आर्यन, सक्षम आदि मौजूद रहें।

ठंडे बस्ते में गई आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट
शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस की छात्रा के आत्महत्या के मामले की जांच कर रही आंतरिक जांच रिपोर्ट ठंडे बस्ते में चली गई है। विश्वविद्यालय की ओर से घटना के दो सप्ताह बीतने के बावजूद अबतक रिपोर्ट नहीं सौंपी जा सकी है। जबकि समिति की ओर से जांच के लिए महज पांच दिन का वक्त मांगा गया था। वहीं छात्रा के परिजन आज अपने बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस से मिलेंगे। बता दे कि गुरुग्राम निवासी छात्रा ज्योति शर्मा ने 18 जुलाई को छात्रावास में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा ने सुसाइड नोट में सहायक और एसोसिएट प्रोफेसर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

छात्रा के पिता रमेश जांगड़ा ने मामले में डेंटल साइंस विभाग के डीन प्रो. (डॉ.) एम. सिद्धार्थ, विभागाध्यक्ष (एचओडी) प्रो. डॉ. आशीष चौधरी, प्रो. डॉ. अनुराग, एसोसिएट प्रो. डॉ. महिंदर सिंह चौहान, सहायक प्रो. डॉ सुरभी, सहायक प्रो. डॉ. शैरी वशिष्ठ पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। मामले में शैरी वशिष्ठ और महिंदर सिंह चौहान को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। डीन, प्रोफेसरों को निलंबित किया जा चुका है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने जांच के लिए पांच सदस्यों की टीम बनाई थी। विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से समिति की रिपोर्ट सौंपने का समय पांच बार बदला जा चुका है। छात्रा के पिता का कहना है कि उन्होंने विश्वविद्यालय की जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है। अब सिर्फ पुलिस को ही जांच में सहयोग करेंगे।

मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है। दो प्रोफेसरों को निलंबित किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद इसे पुलिस से साझा किया जाएगा।-केशव कुमार झा, डीन एवं चीफ वार्डन, केसीसी कॉलेज

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