उत्तर प्रदेश : उत्तराखंड की बारिश और पश्चिमी उप्र के मैदानी क्षेत्र में झमाझम बारिश से गंगा में उफान

Hapur News : उत्तराखंड के पहाड़ों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश के कारण गंगा नदी में फिर से उफान आ गया है। हापुड़ में पिछले 24 घंटे में गंगा का पानी 17 सेंटीमीटर बढ़ गया है, जिससे तहसील प्रशासन ने बाढ़ संभावित गांवों में रहने वालों को हिदायत देते हुए राहत चौकियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।
बाढ़ का खतरा बढ़ा
जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण खादर क्षेत्र के चक लठीरा, गड़ावली, नयाबांस, आरकपुर, बख्तावरपुर, शाकरपुर, न्यामतपुर, भगवंतपुर, किशन सिंह, रेतावाली मंढैया समेत 20 गांवों में फिर से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। लठीरा के प्रधान निरंजन सिंह राणा ने बताया कि सितंबर में कई दशक बाद गंगा में इतना अधिक उफान चल रहा है, जिससे एक बार फिर बाढ़ आने की आशंका से हजारों परिवार सहमे हुए हैं।
केंद्रीय जल आयोग की जानकारी
केंद्रीय जल आयोग के गेज अधिकारी आबाद आलम ने बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्र में दूर-दूर तक बारिश होने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार की देर शाम को गंगा का जलस्तर बढ़कर समुद्रतल से 198.97 मीटर के निशान तक पहुंच चुका है, जिससे खतरे वाला निशान अब महज तीन सेंटीमीटर दूर रह गया है।
प्रशासन की तैयारी
गढ़ एसडीएम श्रीराम यादव ने बताया कि गंगा के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हुई है, इसको लेकर बाढ़ संभावित गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को अधिक गहराई वाले स्थानों पर न जाने के साथ ही राहत चौकियों को सतर्क कर दिया गया है। उत्तराखंड के पहाड़ों में हो रही झमाझम बारिश के कारण टिहरी समेत अन्य बांधों में पानी की मात्रा क्षमता से अधिक होती जा रही है, जिसके मद्देनजर बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा बिजनौर बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार की दोपहर को 1.72 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है और बुधवार की सुबह तक गढ़ क्षेत्र में आने से गंगा में और भी उफान बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है।