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उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: एंटी रेबीज वैक्सीन लगने के बाद भी जिला अस्पतालों से कम नहीं हो रही भीड़

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: एंटी रेबीज वैक्सीन लगने के बाद भी जिला अस्पतालों से कम नहीं हो रही भीड़

अजीत कुमार

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगना शुरू होने के बाद भी जिला अस्पतालों में जानवरों के काटने के मरीजों की भीड़ कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। आलम यह है कि मरीज निकट की पीएचसी पर जाने की बजाए जिला अस्पतालों पर ही इंजेक्शन लगवाने में रुचि दिखा रहे हैं। इसके लिए उन्हें घंटो इंतजार भी करना पड़ रहा है। गाजियाबाद जिले का 80 प्रतिशत हिस्सा शहरी क्षेत्र में आता है। लावारिस कुत्ते, बंदर, बिल्ली, चूहे आदि जानवर के काटने के सबसे ज्यादा मरीज भी शहरी क्षेत्र से आ रहे हैं। इसको देखते हुए शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने 53 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जनवरी से एंटी रेबीज वैक्सीन लगाने का कार्य शुरू किया गया। इसके लिए स्टाफ नर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लेकिन पिछले एक महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो पीएचसी पर प्रतिदिन 80 के करीब लोग एआरवी लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें आठ शहरी पीएचसी ऐसी है, जिन पर दो महीने पहले से एआरवी लगनी शुरू हो गई थी। इनमें से जवाहरनगर, भोपुरा, और खोड़ा पीएचसी पर 10 से 15 मरीज हर रोज पहुंच रहे हैं। पांच पीएचसी पर एक भी मरीज वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंच रहा। 15 से 20 पीएचसी पर केवल एक-एक मरीज पहुंच रहा है। इन पीएचसी पर एक मरीज को इंजेक्शन लगने की वजह से नौ डोज खराब हो रही है और जिला अस्पतालों में मरीजों का दबाव जस का तस बना हुआ है। कुल मिलाकर शहरी पीएचसी पर एआरवी शुरू होने का फायदा जिला अस्पतालों को नहीं मिल रहा है, बल्कि वैक्सीन की बर्बादी बढ़ गई है। जिला अस्पतालों में प्रतिदिन 250 से 300 नए मरीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं।

193 स्थानों से ज्यादा आ रहे मरीज

आंकड़ों के मुताबिक शहरी क्षेत्र के 193 स्थान चिन्हित किए गए हैं, जहां से कुत्ते समेत अन्य जानवर के काटने के मरीज पहुंच रहे हैं। इन कॉलोनियों में राजबाग कॉलोनी, मकनपुर, खोड़ा, संजयनगर, राजनगर, वैशाली, सादिकनगर, वसुंधरा, प्रहलादगढ़ी, कैला भट्टा, विवेकानंदनगर, झंड़ापुर चौपाल, गोविंदपुरम, हिंडन विहार, बोंझा, शिवपुरी, शंकरपुरी, अंबेडकरनगर, राजीव कॉलोनी, पप्पू कॉलोनी, सुदामापुरी, डिफेंस कॉलोनी, डीएलएफ अंकुर विहार, क्रिश्चियन नगर बागू, चरण सिंह कॉलोनी शामिल हैं।

एंटी रेबीज की खपत बढ़ रही

जिले में एंटी रेबीज वैक्सीन की खपत लगातार बढ़ रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि साल 2024 तक 1,01,265 लोगों को एआरवी लगवाई। वहीं, साल 2023 में 71,570 लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया। अस्पतालों में पहुंचने वाले 90 फीसदी मामले डॉग बाइट के होते हैं।

वर्जन
शहरी पीएचसी पर एंटी रेबीज वैक्सीनेशन कम होने के कारणों की समीक्षा की जाएगी। जिन पीएचसी पर कम या शून्य वैक्सीनेशन हो रहा है, उनके क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कराया जाएगा। – डा. आरके गुप्ता, नोडल अधिकारी, राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम

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