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स्वदेशी डेंगू वैक्सीन का परीक्षण आरएमएल में शुरू

- दिल्ली के आरएमएल अस्पताल समेत देशभर की 19 साइटों पर होगा वैक्सीन का परीक्षण

नई दिल्ली, 29 सितंबर: प्रतिवर्ष मानसून के मौसम में बेकाबू होने वाला डेंगू का वायरस अब भारतीय वैज्ञानिकों के काबू में आ गया है। जिसके तहत भारत ने एक ऐसी स्वदेशी वैक्सीन विकसित की है जो दुनिया में मौजूद डेंगू के सभी चार वायरसों को मारने में सक्षम है। अब इस वैक्सीन के तीसरे और महत्वपूर्ण चरण के परीक्षण राजधानी दिल्ली में भी शुरू हो गए हैं।

दरअसल, डेंगू वायरस के प्रकोप के चलते प्रतिवर्ष हजारों देशवासी जान गंवा देते हैं। चूंकि देश में इसका कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आईसीएमआर और पैनेशिया बायोटेक ने लोगों के जीवन की रक्षा और डेंगू वायरस से सुरक्षा के लिए डेंगू रोधी वैक्सीन का विकास किया है जिसके परीक्षण दो चरणों में सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं और अब तीसरा चरण देशभर में 19 स्थानों पर शुरू हो गया है। इसके तहत 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग के 10,335 लोगों को डेंगू रोधी वैक्सीन की खुराक दी जा जानी है।

बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार के ‘अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान (एबीवीआईएमएस) से संबद्ध राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएलएच)’ में भी वैक्सीन परीक्षण के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई। इस दौरान चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला, सामुदायिक चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ नीलम रॉय, डॉ दीपक धमनेतिया और डॉ संजीत पनेसर की मौजूदगी में एक स्वस्थ एवं व्यस्क महिला को डेंगू रोधी वैक्सीन की पहली खुराक दी गई।

डॉ रॉय ने बताया कि आरएमएल दिल्ली का एकमात्र अस्पताल है जहां 545 लोगों को डेंगू बुखार की वैक्सीन दी जाएगी। इस दौरान सभी 545 लोगों के स्वास्थ्य का अगले दो साल तक फॉलो अप किया जाएगा। देखा जाएगा कि उन्हें डेंगू हुआ या नहीं। साथ ही वैक्सीन के प्रभावों का अध्ययन भी किया जाएगा। यह ‘टेट्रा वैलेंट वैक्सीन’ है जो डेंगू बुखार के लिए जिम्मेदार सभी चार वायरसों (डीईएन 1,2,3,4) को निष्क्रिय कर सकती है।

उन्होंने बताया कि डेंगू का प्रकोप एडीज मच्छर के काटने से फैलता है जिसका प्रभाव भारत सहित 30 देशों में सबसे ज्यादा दिखाई देता है। हालांकि, डेंगू रोग का वायरस दुनिया के 129 देशों में पाया जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू के लगभग 75-80% संक्रमण लक्षण हीन होते हैं, लेकिन 20-25% मामलों में मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स कम होने व अन्य दिक्कतों के चलते, उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। यह बच्चों के मामले में ज्यादा घातक साबित होता है।

वैक्सीनेशन के लिए आईसीएमआर ने दिया प्रशिक्षण
चयनित लोगों को डेंगू रोधी वैक्सीन की खुराक देने के लिए आरएमएल की टीम को आईसीएमआर- दिल्ली, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान- पुणे और राष्ट्रीय एड्स अनुसंधान संस्थान -पुणे द्वारा विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया। चूंकि इस ट्रायल में सामुदायिक चिकित्सा, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी और मेडिसिन जैसे कई विषय शामिल हैं।

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