शहर में गर्मी का कहर जारी अतिरिक्त सतर्कता से दूर रहेगी बीमारी
-भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक से निपटने के लिए दिल्ली के अस्पतालों ने की तैयारी
नई दिल्ली, 21 मई : पिछले कई दिन से राजधानी दिल्ली में दिन का पारा 46 से 47 डिग्री तक पहुंचने के चलते सामान्य हवा के झोंके गर्म हवा के थपेड़ों में तब्दील हो गए हैं। इससे जहां लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, गर्मी से प्रभावित लोगों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है। दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में रोजाना ऐसे मामले पहुंच रहे हैं जो घमौरियों, मांसपेशियों में ऐंठन, थकावट, तेज सिरदर्द, चक्कर और मतली की समस्या से पीड़ित हैं। हालांकि, मौसम विभाग ने दिल्ली में 25 मई तक के लिए हीटवेव का रेड अलर्ट जारी किया है।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा विभाग की अध्यक्ष डॉ सीमा वासनिक ने कहा, यहां गर्मी से प्रभावित 4 से 5 मरीज रोजाना आ रहे हैं। इनमें से कोई भी मरीज हीट स्ट्रोक का शिकार नहीं था। सामान्य उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। डॉ वासनिक ने कहा, क्रिटिकल पेशंट के इलाज के लिए अस्पताल की हीट स्ट्रोक यूनिट में टब, आइस क्यूब्स और अन्य उपकरण तैयार हैं। साथ ही एम्बुलेंस भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति लू या हीट स्ट्रोक से पीड़ित होता है तो सबसे पहले उसे पानी वाले टब में बिठाएं और उसमें बर्फ के टुकड़े भी डालें। पीड़ित के शरीर के तापमान में कमी लाने का प्रयास करें। यदि आराम न आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही उन्होंने भीषण गर्मी के मौसम में छोटे बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को धूप में बाहर जाने से बचने की सलाह दी।
सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शिवानी शर्मा ने बताया कि अब तक हमारे यहां हीट स्ट्रोक का कोई मरीज नहीं आया है लेकिन हमारा विभाग उपचार के लिए तैयार है। इसके लिए डॉक्टरों, नर्सों व अन्य मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। उन्हें सनस्ट्रोक से पीड़ित मरीज की पहचान और लक्षणों के प्रति सेंसिटाइज किया जा रहा है। साथ ही अस्पताल के कैसुअलटी डिपार्टमेंट, मेडिकल इमरजेंसी वार्ड और मेडिसिन वार्ड में बेड आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा मरीजों के लिए सेंट्रलाइज्ड एसी के साथ पेडस्टल फैन की वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई है।
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने बताया कि हमने हीट स्ट्रोक के संभावित मरीजों के उपचार के लिए पूरी व्यवस्था की हुई है। इसके लिए पांच बेड अलग से आरक्षित किए गए हैं। फिलहाल, गर्मी से पीड़ित तीन से चार मरीज रोजाना उपचार के लिए आ रहे हैं। वहीं, संजय गांधी अस्पताल के निदेशक डॉ एसके काकरान ने कहा कि हमने अस्पताल के आपातकालीन विभाग में ट्रेंड स्टाफ को तैनात किया है जो लोगों को हीट स्ट्रोक व गर्मी से संबंधित अन्य रोगों के लिए उपचार मुहैया कराएंगे। उन्होंने कहा कि लोगों से अपील है कि वह गर्म दिनों के दौरान खासकर दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक घर के अंदर ही रहें ताकि लू और उसके दुष्प्रभावों से बचा जा सके।
– अगर आप लू से बचना चाहते हैं, तो बॉडी को हाइड्रेट रखें। इसके लिए हर थोड़ी देर में पानी पीते रहें।
– दोपहर 12 बजे से 4 बजे बीच खाना न पकाएं। आग और गर्मी से रिस्क बढ़ सकता है।
– अल्कोहल , चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन न करें।
– आप नारियल पानी, नींबू पानी, खीरा, तरबूज जैसी चीजों का सेवन भी कर सकते हैं।
– हलके या लाइट कलर के कॉटन के कपड़े पहनें। ढीले कपडे पहने। इससे आपको गर्मी कम लगेगी।
– इसके अलावा लू से बचने के लिए खाली पेट घर से बाहर न निकलें। अगर आप लंबे समय तक धूप में भूखे रहते हैं, तो इससे चक्कर आने का खतरा बढ़ जाता है।
– लू से बचने के लिए बाहर जाना अवाइड करें। बहुत जरूरी काम हो तभी जाएं। इससे आप गर्म हवाओं के खतरे से बचे रहेंगे।
– बाहर निकलने से पहले हाथ पैर और चेहरे को अच्छे से कवर करें ताकि सूरज की किरणों से होने वाली टैनिंग से बॉडी बची रहे।
– निर्माण श्रमिक हैं तो धूप में लगातार काम न करें। काम के दौरान 15 -15 मिनट का ब्रेक लें।