रक्षा, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में भारत की छलांग
-सेमीकंडक्टर उत्पादन के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मिला बढ़ावा
नई दिल्ली, 11 नवम्बर : डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला, सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी ने 4-इंच व्यास वाले सिलिकॉन कार्बाइड वेफर्स के उत्पादन की स्वदेशी प्रक्रियाओं को विकसित किया है, जिससे एक्स -बैंड फ्रीक्वेंसी तक इस्तेमाल के लिए 150 वाट तक के गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) हाई इलेक्ट्रॉन मोबिलिटी ट्रांजिस्टर और 40 वाट तक के मोनोलिथिक माइक्रोवेव इंटीग्रेटेड सर्किट या सेमी कंडक्टर बनाए जा सकेंगे।
यह रक्षा, एयरोस्पेस और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की तकनीक है जो देश की ‘आत्मनिर्भर भारत’ यात्रा में न सिर्फ मील का पत्थर है। बल्कि सेमीकंडक्टर तकनीक में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है। यह उन्नत तकनीक बेहतर दक्षता, कम आकार और वजन और बेहतर प्रदर्शन प्रदान करती है, जिससे यह भविष्य की लड़ाकू प्रणालियों, राडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों और हरित ऊर्जा समाधानों के लिए आवश्यक हो जाती है। भविष्य की लड़ाकू प्रणालियों में हल्की और अधिक कॉम्पैक्ट बिजली आपूर्ति की बढ़ती मांग के साथ, यह नवीन तकनीक सैन्य और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों के लिए संचार, खुफिया, टोही और मानव रहित प्रणालियों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करती है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहन और नवीकरणीय ऊर्जा शामिल हैं।