Rakhi for soldiers: एक राखी जवानों के लिए – सवा लाख राखियों के साथ सैनिकों संग मनाया रक्षाबंधन

Rakhi for soldiers: एक राखी जवानों के लिए – सवा लाख राखियों के साथ सैनिकों संग मनाया रक्षाबंधन
रिपोर्ट: रवि डालमिया
देशभक्ति और भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को नई ऊँचाइयों पर ले जाते हुए, कोपरगांव स्थित संजीवनी युवा प्रतिष्ठान ने विवेकभैय्या कोल्हे के मार्गदर्शन में “एक राखी जवानों के लिए” अभियान के अंतर्गत सवा लाख राखियों का संकल्प पूरा किया और सीमाओं पर तैनात वीर सैनिकों के साथ रक्षाबंधन मनाया। यह यात्रा 4 अगस्त को शिर्डी से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में पहुँचकर सम्पन्न हुई। संस्था के “राखी रथ” ने दिल्ली स्थित सैनिक ट्रांजिट कैंप में भी सैनिकों के साथ यह पर्व मनाया, जहाँ जवानों ने राखी बांधने की इस पहल को भावुकता और गर्व के साथ स्वीकार किया।
सीमा पर तैनात सैनिक अक्सर त्योहारों पर अपने परिवार से दूर रहते हैं, लेकिन इस विशेष पहल ने उन्हें घर-परिवार का अपनापन महसूस कराया। पिछले पाँच वर्षों से यह संस्था रक्षाबंधन पर सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर बहनों द्वारा भेजी गई राखियाँ सैनिकों को स्वयं बांधने की परंपरा निभा रही है। इस वर्ष इस अभियान का विस्तार करते हुए एक लाख से अधिक राखियाँ संकलित की गईं और लगभग 2,200 किलोमीटर की ऐतिहासिक यात्रा तय की गई।
यह यात्रा शिर्डी से शुरू होकर कोपरगांव, येवला, मनमाड़, मालेगांव, धुले, शिरपुर, सेंधवा, इंदौर, ग्वालियर, आगरा, मथुरा, दिल्ली, अंबाला, अमृतसर, पठानकोट, जम्मू, उधमपुर होते हुए श्रीनगर पहुँची। रास्ते में सैकड़ों स्थानों पर रक्षा रथ का पुष्पवृष्टि से स्वागत किया गया। यह केवल एक अभियान नहीं, बल्कि देश के वीर जवानों के प्रति प्रेम, सम्मान और कृतज्ञता की अमर गाथा है, जिसने रक्षाबंधन को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
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