उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा में कंपनियों से तार चुराने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश, नोएडा: -ट्रक और 2.90 लाख बरामद, इंडस्ट्रियल सेक्टर टारगेट पर थे
अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।नोएडा पुलिस ने कंपनियों और फैक्टरियों के अंदर और बाहर से केबल तार समेत अन्य भारी सामान चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। टीम ने गिरोह के सरगना दिनेश और दो अन्य आरोपियों गुफरान और राकेश को गिरफ्तार किया। आरोपियों के पास से चोरी के माल की बिक्री से हुई 2.90 लाख रुपए नकद बरामद हुई।
एसीपी वर्णिका सिंह ने बताया-कुछ दिनों पहले एक व्यक्ति ने फेज दो थाने में शिकायत दी थी कि उसकी कंपनी के बाहर लाखों रुपए के केबल तार चोरी हो गए हैं। रात में मौका पाकर चोरों ने केबल तार चुरा लिया। इसे ले जाने में हाइड्रा या ट्रक का इस्तेमाल किया गया। इसी प्रकार की कई अन्य शिकायतें भी पुलिस को मिली थीं। इसके बाद एसीपी के निर्देश पर ही थाना प्रभारी की अगुआई में कंपनियों के अंदर और बाहर से केबल तार समेत अन्य सामान चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए एक टीम गठित की गई।
मुखबिर की सूचना पर रखी नजर
टीम गिरोह के सदस्यों की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी। रविवार को पुलिस टीम को मुखबिर ने सूचना दी कि सेक्टर-83 मेट्रो स्टेशन के पास कुछ लोग एकत्र हुए हैं जो क्षेत्र में कही पर चोरी की योजना बना रहे हैं। इसके बाद टीम मौके पर पहुंची और करीब पांच मिनट तक मुखबिर द्वारा बताए गए ठिकाने पर दिख रहे तीन लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी।
संदिग्ध लगने पर टीम ने तीनों को दबोच लिया और पूछताछ करनी शुरू कर दी। पहले तो आरोपियों ने कुछ नहीं कबूला, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो तीनों ने बता दिया वे कंपनियों से केबल तार समेत अन्य सामान चुराने वाले गिरोह के सदस्य हैं।
सरगना समेत तीन पकड़े गए
आरोपियों की पहचान दिल्ली के सवापुर निवासी गुफरान और राकेश व होजरी कांप्लेक्स निवासी दिनेश के रूप में हुई है। दिनेश गिरोह का सरगना और चालक है। गुफरान कबाड़ी है। गुफरान मूलरूप से सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज का निवासी है। वहीं राकेश प्रतापगढ़ के झारा का और दिनेश मैनपुरी के भौगांव का रहने वाला है। राकेश गिरोह का सबसे उम्रदराज सदस्य है। उसकी उम्र 40 साल है। गुफरान 28 जबकि दिनेश 38 साल का है। कबाड़ी गुफरान ने 12वीं, राकेश ने नौंवी और दिनेश ने दसवीं तक की पढ़ाई की है।
ऐसे वारदात करते थे आरोपी
ये लोग कंपनियों और फैक्टरियों को निशाना बनाते थे, जहां पर कम सुरक्षाकर्मी होते थे या होते ही नहीं थे। राकेश का काम रैकी करने का है। वह अलग-अलग थाना क्षेत्र में स्थित कंपनियों और फैक्टरियों के पास घूमता है और यह जानकारी जुटाता है कि कहां पर सुरक्षाकर्मी रात में नहीं रहते हैं। इसके बाद वह गिरोह के सरगना दिनेश को इसकी जानकारी देता है। दिनेश हाइड्रा लेकर मौके पर पहुंचता है और कंपनी के अंदर और बाहर जो भी भारी सामान मिलता है उसे चोरी कर लेता है।
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