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पुलिस के ऐप से एफआईआर निकालकर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना दबोचा

पुलिस के ऐप से एफआईआर निकालकर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना दबोचा

अमर सैनी

नोएडा। सेक्टर-63 पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस के यूपी कॉप ऐप से एफआईआर निकालकर करीब 200 पीड़ितों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। वह खुद को पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर बताकर मोबाइल से पीड़ितों को कॉल करता था। पुलिस ने उसका मोबाइल बरामद कर लिया है। उसको सिम उपलब्ध कराने वाले की तलाश की जा रही है।

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि सेक्टर-63 थाना क्षेत्र निवासी प्रदीप कुमार बीते दिनों अपनी पत्नी के साथ सब्जी खरीदकर कमरे पर जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में बाले यादव ने प्रदीप और उसकी पत्नी से गाली गलौज करनी शुरू कर दी। विरोध करने पर बाले यादव ने प्रदीप के साथ मारपीट की। प्रदीप ने इसकी शिकायत सेक्टर-63 थाने की पुलिस से की। प्रदीप के पास कुछ दिन पहले अनजान नंबर से एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को जिला कलेक्टर बताते हुए प्रदीप को एफआईआर संबंधी जानकारी दी। उसने कहा कि मामले में आरोपी की गिरफ्तारी कर उसे कम से कम छह महीने के लिए जेल भेजा जाएगा। अगर प्रदीप तुरंत तीन हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दें तो पुलिस की गाड़ी आरोपी को दबोचने अभी निकल पड़ेगी। प्रदीप ने ऑनलाइन भुगतान करने से इनकार किया तो उसने गाली-गलौज की और केस में कोई कार्रवाई न होने की धमकी दी।

ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल
प्रदीप ने पूरी बातचीत को रिकॉर्ड किया और इसे पुलिस को सौंप दिया। बातचीत का करीब छह मिनट का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ। प्रदीप की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के मोबाइल नंबर को ट्रैक किया और उसको दबोचने के लिए एक विशेष टीम बनाई। टीम ने आरोपी 24 वर्षीय धीरेंद्र यादव को उसके निवास स्थान मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से शुक्रवार को दबोच लिया। नोएडा के फेज-1 थाने में दर्ज एक मुकदमे में भी आरोपी ने एक हजार रुपये मांगे थे। पुलिस ने धीरेंद्र को सिम उपलब्ध कराने वाले पुष्पेंद्र यादव को भी वांछित बनाया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं।

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