Bulandshahr: परम डेयरी भूमि विवाद सुलझाने बुलंदशहर पहुंचे यूपी के मुख्य सचिव, बोले- फैक्ट्री नहीं हटेगी, ग्रीन बेल्ट समायोजित होगी

Bulandshahr: परम डेयरी भूमि विवाद सुलझाने बुलंदशहर पहुंचे यूपी के मुख्य सचिव, बोले- फैक्ट्री नहीं हटेगी, ग्रीन बेल्ट समायोजित होगी
रिपोर्ट: अवनीश त्यागी
उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर के खुर्जा स्थित परम डेयरी लिमिटेड को लेकर वर्षों से चल रहा भूमि विवाद अब निर्णायक मोड़ पर आ पहुंचा है। आज प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह स्वयं बुलंदशहर पहुंचे और फैक्ट्री परिसर में अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की। यह बैठक डेयरी के संचालन और ग्रीन बेल्ट के विवाद को लेकर की गई, जिसमें शासन की मंशा स्पष्ट हो गई कि उद्योग प्रभावित नहीं होगा और फैक्ट्री अपने स्थान पर यथावत बनी रहेगी।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने लगभग एक घंटे तक चली बैठक में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तारपूर्वक रिपोर्ट ली और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट किया कि 1996-97 में जब परम डेयरी लिमिटेड की स्थापना की गई थी, तब जिस 16 हेक्टेयर भूमि पर फैक्ट्री बनी, वह ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में शामिल नहीं थी। इस भूमि को विकास प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु आवंटित किया गया था।
मुख्य सचिव ने बताया कि फैक्ट्री के निर्माण के बाद विकास प्राधिकरण द्वारा कई बार नक्शा पास किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि निर्माण पूरी तरह वैध है। उन्होंने कहा कि हाल ही में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के एक आदेश के बाद जो विवाद उत्पन्न हुआ है, उसमें स्पष्ट किया जाना जरूरी है कि ग्रीन बेल्ट की स्थिति समय के साथ समायोजित की जा सकती है, लेकिन किसी भी परिस्थिति में छोटे उद्योगों को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने दो टूक कहा, “फैक्ट्री वहीं रहेगी, ग्रीन बेल्ट की स्थिति समायोजित की जाएगी। शासन का साफ निर्देश है कि उद्योगों का संचालन बाधित नहीं होना चाहिए।” इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से सख्त लहजे में सवाल-जवाब भी किए और निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया या तकनीकी बाधा से उद्योगों को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
परम डेयरी लिमिटेड, खुर्जा, वर्षों से संचालित हो रही एक प्रमुख डेयरी इकाई है, जो स्थानीय लोगों की आजीविका और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अब जब राज्य के मुख्य सचिव स्वयं मौके पर पहुंचे हैं और स्थिति स्पष्ट की गई है, तो माना जा रहा है कि भूमि विवाद पर जल्द ही अंतिम समाधान निकल आएगा, जिससे उद्योग को राहत मिलेगी और स्थानीय व्यापारिक माहौल को मजबूती मिलेगी।
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