Oxford Union Debate Controversy: ऑक्सफोर्ड यूनियन बहस विवाद, वकील साई दीपक ने पाकिस्तान के वॉकआउट दावे को पूरी तरह खारिज किया

Oxford Union Debate Controversy: ऑक्सफोर्ड यूनियन बहस विवाद, वकील साई दीपक ने पाकिस्तान के वॉकआउट दावे को पूरी तरह खारिज किया
ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में होने वाली बहस को लेकर पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा फैलाए गए दावे को वरिष्ठ वकील साई दीपक ने पूरी तरह खारिज कर दिया है। विवाद तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान उच्चायोग ने ट्वीट कर दावा किया कि भारतीय वक्ताओं ने ‘भारत की पाकिस्तान नीति एक लोकलुभावन रणनीति है जिसे सुरक्षा नीति के रूप में पेश किया जा रहा है’ शीर्षक वाली बहस से अंतिम क्षण में अपना नाम वापस ले लिया, जिससे पाकिस्तानी टीम को वॉकओवर मिल गया।
दीपक ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान टीम अपने राष्ट्रीय चरित्र के अनुरूप युद्ध शुरू होने से पहले ही “युद्धभूमि छोड़कर भाग जाने” की कला में निपुण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय वक्ताओं का अंतिम क्षण में पीछे हटना कोई सच नहीं है। दीपक ने ऑक्सफोर्ड यूनियन आयोजकों के साथ हुई ईमेल और कॉल रिकॉर्ड साझा किए, जिसमें उनकी भागीदारी की पुष्टि थी।
दरअसल, मूल भारतीय वक्ता—पूर्व सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे, सुब्रमण्यम स्वामी और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट—पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण बहस में शामिल नहीं हो पाए। उनके विकल्प के रूप में सुहेल सेठ और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी से संपर्क किया गया, लेकिन अल्प सूचना के कारण दोनों ने भाग लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद दीपक ने मनु खजूरिया और पंडित सतीश शर्मा की टीम तैयार की और लंदन जाकर बहस में शामिल होने की तैयारी की।
दीपक ने कहा कि तय डिनर से कुछ देर पहले उन्हें सूचना मिली कि पाकिस्तानी टीम इंग्लैंड पहुँच चुकी थी और उसी होटल में ठहरी थी जहां उन्हें रहना था। इसके बावजूद, बहस में भाग लेने के बजाय पाकिस्तानी प्रतिनिधि छिपे रहे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने योजना के अनुसार बहस में भाग लेने के बजाय “अपने आतंकवादियों की तरह बच्चों के पीछे छिपने” का काम किया।
दीपक ने ऑक्सफोर्ड यूनियन की आलोचना भी की, यह आरोप लगाते हुए कि वर्तमान नेतृत्व ने संगठन को ब्रिटेन में पाकिस्तानी हितों के लिए एक “सहयोगी मुखपत्र” बना दिया। उनके साझा किए गए साक्ष्यों और कॉल लॉग के आधार पर यह स्पष्ट हो गया कि भारत के पीछे हटने की कहानी पूरी तरह निराधार थी। दीपक ने कहा कि ऑक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों को “सुअर का बाड़ा बनाने” की पाकिस्तान की रणनीति अस्वीकार्य है।
इस विवाद ने स्पष्ट कर दिया कि भारत का प्रतिनिधित्व पूरी तरह सक्रिय और समय पर था, और पाकिस्तान द्वारा फैलाई गई झूठी कहानी को वरिष्ठ वकील साई दीपक ने बेनकाब कर दिया।





