धर्म

Onam 2025: दक्षिण भारत में कब और क्यों मनाया जाता है ओणम? जानें पूजा विधि और पौराणिक कथा

Onam 2025 का पर्व 05 सितंबर को मनाया जाएगा। जानें ओणम कब और क्यों मनाया जाता है, इसकी पूजा विधि, धार्मिक महत्व और राजा महाबलि से जुड़ी पौराणिक कथा।

Onam 2025 का पर्व 05 सितंबर को मनाया जाएगा। जानें ओणम कब और क्यों मनाया जाता है, इसकी पूजा विधि, धार्मिक महत्व और राजा महाबलि से जुड़ी पौराणिक कथा।

Onam 2025 कब है?

दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार ओणम (Onam 2025) इस साल 05 सितंबर 2025, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह पर्व मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। मलयालम कैलेंडर के अनुसार यह पर्व चिंगम मास में और तमिल कैलेंडर के अनुसार अवनी मास में पड़ता है।

ओणम को थिरुवोनम या थिरु-ओणम (Thiruvonam) भी कहा जाता है, जिसमें “थिरु” का अर्थ पवित्र माना जाता है।

Onam 2025 Date: कब है ओणम? जानें क्या है इसकी खासियत और इसका भगवान विष्णु से कनेक्शन - onam 2025 know date rituals significance of this 10 day festival tvisz - AajTak

Onam 2025: क्यों मनाया जाता है ओणम?

  • ओणम त्योहार अगस्त और सितंबर महीने के बीच आता है।

  • मान्यता है कि इस दिन राजा महाबलि पाताल लोक से अपनी प्रजा का आशीर्वाद देने पृथ्वी पर आते हैं।

  • पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया था।

  • इसलिए इस दिन राजा महाबलि और भगवान विष्णु दोनों की पूजा की जाती है।

ओणम 2025: ओणम कब है, क्यों मनाया जाता है और भगवान महाबली को समर्पित इस 10 दिवसीय भव्य उत्सव के बारे में आपको जो कुछ भी जानना चाहिए | आध्यात्मिकता ...

ओणम की पूजा विधि (Onam Puja Vidhi)

  1. प्रातःकाल स्नान-ध्यान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. पूजा स्थल को फूलों और पुखलम (फूलों की रंगोली) से सजाएं।

  3. ऊंचे मंच पर भगवान थ्रिक्ककारा अप्पन (श्री हरि विष्णु का स्वरूप) की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

  4. भगवान को फल, फूल, पायसम और पारंपरिक व्यंजन अर्पित करें।

  5. धूप-दीप दिखाकर विष्णु सहस्रनाम या श्री हरि मंत्रों का पाठ करें।

  6. अंत में आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।

Onam 2025 की पौराणिक कथा

हिंदू मान्यता के अनुसार, ओणम का पर्व दानवीर राजा महाबलि की स्मृति में मनाया जाता है।

  • राजा बली शक्तिशाली और विष्णु भक्त थे, लेकिन उन्हें अपने पराक्रम का अभिमान हो गया था।

  • अहंकार को दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया और उनसे तीन पग धरती मांगी।

  • वामन ने एक पग में पृथ्वी और दूसरे पग में स्वर्ग नाप लिया।

  • तीसरे पग के लिए स्थान मांगने पर राजा बली ने अपना सिर आगे कर दिया।

  • प्रसन्न होकर विष्णु ने उन्हें अमरता का वरदान और पाताल लोक का राज्य दिया।

  • तभी से माना जाता है कि हर साल ओणम पर राजा बली पृथ्वी पर अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और उनके स्वागत में यह पर्व मनाया जाता है।

Onam 2025  सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि केरल की संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। यह पर्व फूलों की सजावट, नाव दौड़, नृत्य, संगीत और दावतों के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता और भक्ति भाव के साथ यह दिन समाज में एकता और उत्सव का संदेश देता है।

Maruti Victoris SUV: लॉन्च से पहले ही मिली 5 Star Safety Rating, ADAS समेत धमाकेदार फीचर्स

Related Articles

Back to top button