दिल्ली

Old Pension Scheme: ओल्ड पेंशन और कैशलेस उपचार की मांग पर दिल्ली सचिवालय पर स्वास्थ्य कर्मियों का प्रदर्शन

Old Pension Scheme: ओल्ड पेंशन और कैशलेस उपचार की मांग पर दिल्ली सचिवालय पर स्वास्थ्य कर्मियों का प्रदर्शन

नई दिल्ली, 04 नवम्बर — राजधानी दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को दिल्ली सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों ने ‘नेशनल पब्लिक हेल्थ अलायन्स’ के बैनर तले अपनी आवाज बुलंद की और सरकार से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने तथा स्वास्थ्य क्षेत्र के निजीकरण को रोकने की मांग की।

अलायन्स के अध्यक्ष विजय कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस प्रदर्शन में दिल्ली के विभिन्न सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों से बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव के नाम ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में 7वें वेतन आयोग के अनुसार पीसीए (Patient Care Allowance) बढ़ाने, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने, नए पदों के सृजन, कैडर रिव्यू और कैशलेस उपचार की सुविधा देने की मांग की गई है।
विजय कुमार ने कहा कि लंबे समय से स्वास्थ्य कर्मी इन मुद्दों पर सरकार से समाधान की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य सेवा देने वाले कर्मचारी दिन-रात जनता की सेवा में लगे रहते हैं, लेकिन उनके अधिकारों और सुरक्षा को लेकर सरकार संवेदनहीन बनी हुई है।”
प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों के निजीकरण और पीपीपी (Public Private Partnership) मॉडल के जरिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का विरोध किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की, तो आंदोलन को राज्यव्यापी स्तर तक विस्तारित किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने नारे लगाए — “पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करो”, “स्वास्थ्य कर्मियों का हक दो”, “कैशलेस इलाज सबका अधिकार” — और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट रहने का संकल्प लिया।
नेशनल पब्लिक हेल्थ अलायन्स का कहना है कि स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती के लिए कर्मचारियों की संतुष्टि जरूरी है। अगर उनके वेतन, पेंशन और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, तो इसका असर सीधे जनता की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा।
संगठन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो वे आने वाले दिनों में दिल्ली के सभी अस्पतालों में चरणबद्ध हड़ताल की राह पर चलेंगे।

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