Noida Suspicious Death: युवक की संदिग्ध मौत पर न्यायालय सख्त, नॉलेज पार्क पुलिस को 48 घंटे में एफआईआर दर्ज करने का आदेश

Noida Suspicious Death: युवक की संदिग्ध मौत पर न्यायालय सख्त, नॉलेज पार्क पुलिस को 48 घंटे में एफआईआर दर्ज करने का आदेश
नोएडा में संदिग्ध परिस्थितियों में युवक की मौत के मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नॉलेज पार्क कोतवाली पुलिस को 48 घंटे के भीतर मुकदमा दर्ज करने का सख्त निर्देश दिया है। अदालत ने माना कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं और मामले की निष्पक्ष विवेचना अनिवार्य है।
शिकायतकर्ता अदनान अली ने अदालत को बताया कि उसका भाई अरमान ग्रेटर नोएडा में मोहम्मद फैज के पास वेल्डिंग का काम करता था। आरोप है कि फैज को शक था कि उसकी बहन और अरमान के बीच प्रेम संबंध चल रहा है। इसी शंका के कारण दोनों में झगड़ा हुआ, जिसके बाद अरमान कुछ समय के लिए अपने गांव हसनपुर लौट गया। कुछ दिन बाद फैज ने अरमान को दोबारा फोन कर वापस काम पर बुलाया।
परिवार के अनुसार अरमान 15 अगस्त 2025 को ग्रेटर नोएडा के गोदरेज फ्लैट टावर में ठेकेदार इंतजार के पास काम करने पहुंच गया। 17 अगस्त को उसने अपनी मां नाजरा से बात की थी, जिसमें वह काफी डरा हुआ लगा। अगले दिन जब मां ने फोन मिलाया तो कॉल रिसीव नहीं हुआ। 18 अगस्त की शाम फैज ने परिवार को फोन कर बताया कि अरमान गायब है। इसके बाद अदनान और उसका रिश्तेदार शाहरुख 19 अगस्त को ग्रेटर नोएडा पहुंचे और गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
24 अगस्त को नॉलेज पार्क थाना पुलिस ने परिजनों को फोन कर बताया कि अरमान का शव गोदरेज टावर में मिला है। परिजन जब पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे, तो उन्होंने अरमान के शरीर पर कई चोटों के निशान देखे। परिवार ने 17वीं मंजिल के उस कमरे का भी निरीक्षण किया जहां से शव मिला था। उनका दावा है कि कमरे की दीवारों और फर्श पर काफी मात्रा में खून फैला हुआ था।
परिजनों का आरोप है कि ठेकेदार इंतजार और फैज ने खुद को घटना से अलग दिखाने की कोशिश की और पुलिस ने भी खून से सने कमरे की तस्वीरों को गंभीरता से नहीं लिया। परिवार के मुताबिक पुलिस मामले को आत्महत्या बताने की कोशिश कर रही थी।
परिवार ने 24 अगस्त को नॉलेज पार्क थाना में हत्या की FIR दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने ठेकेदार इंतजार के दबाव में रिपोर्ट नहीं लिखी। अंततः मामला अदालत पहुंचा। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी दस्तावेजों और शिकायतकर्ता के कथनों का अवलोकन करने के बाद माना कि यह मामला मानव मृत्यु से सम्बंधित गंभीर आरोपों से जुड़ा है और संज्ञेय अपराध बनता है।
अदालत ने नॉलेज पार्क पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि 48 घंटे के भीतर FIR दर्ज कर निष्पक्ष जांच शुरू की जाए, ताकि सभी तथ्यों और परिस्थितियों की सच्चाई सामने आ सके।
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