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Noida Police: गिरफ्तारी वारंट का अनुपालन नहीं करने पर सेक्टर-63 थानाध्यक्ष का वेतन रोका

Noida Police: गिरफ्तारी वारंट का अनुपालन नहीं करने पर सेक्टर-63 थानाध्यक्ष का वेतन रोका

न्यायालय के आदेशों की अनदेखी पर परिवार न्यायालय ने दिखाई सख्ती
नोएडा। जिला परिवार न्यायालय ने न्यायिक आदेशों की अवहेलना पर सख्त रुख अपनाते हुए सेक्टर-63 थानाध्यक्ष का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश बुद्धि सागर मिश्र ने गौतमबुद्ध नगर के पुलिस आयुक्त को पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि अदालत द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट का अनुपालन न करना न्यायिक आदेशों की गंभीर अवहेलना है।

भरण-पोषण वाद में गिरफ्तारी वारंट का पालन नहीं
यह मामला फौजदारी प्रकीर्ण पूजा देवी आदि बनाम रोहित से संबंधित है, जो दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत भरण-पोषण संबंधी वाद है। मामले में विपक्षी प्रमोद यादव, निवासी गांव हजरतपुर वाजिदपुर, सेक्टर-63 नोएडा, न्यायालय द्वारा दिए गए भरण-पोषण आदेश का पालन नहीं कर रहा था। बार-बार आदेश के बावजूद उसने निर्धारित धनराशि जमा नहीं की, जिसके चलते न्यायालय ने उसके विरुद्ध गिरफ्तारी अधिपत्र (वारंट) जारी किया था।

 थानाध्यक्ष की लापरवाही पर न्यायालय का कड़ा रुख
न्यायालय द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, सेक्टर-63 थानाध्यक्ष ने गिरफ्तारी वारंट के पालन में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसे न्यायालय ने आदेशों की खुली अवहेलना माना। इसी के चलते प्रधान न्यायाधीश ने थानाध्यक्ष का वेतन अगले आदेश तक रोकने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

पुलिस आयुक्त को 28 नवंबर तक रिपोर्ट देने के निर्देश
परिवार न्यायालय ने पुलिस आयुक्त से कहा है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार थानाध्यक्ष का वेतन रोका जाए और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 28 नवंबर 2025 तक अदालत को सौंपी जाए। अदालत ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में न्यायिक आदेशों की अनदेखी पर और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला न्यायिक आदेशों की अवमानना करने वाले सरकारी अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है। अदालत ने साफ किया है कि न्यायालय के आदेशों का पालन न करने की स्थिति में प्रशासनिक या आर्थिक कार्रवाई से भी परहेज नहीं किया जाएगा।

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