उत्तर प्रदेशराज्य

Noida farmers protest: नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से मिले किसान, 49 साल बाद भी समस्याओं के समाधान न होने पर जताई नाराज़गी

Noida farmers protest: नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से मिले किसान, 49 साल बाद भी समस्याओं के समाधान न होने पर जताई नाराज़गी

नोएडा बनने के करीब 49 साल बीत जाने के बावजूद किसानों और ग्रामीणों की बुनियादी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को भारतीय किसान यूनियन भानु एनसीआर के अध्यक्ष सुनील अवाना के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंचा और अधिकारियों से सीधी बातचीत की। किसानों ने प्राधिकरण के ओएसडी महेंद्र प्रसाद से मुलाकात कर अपनी वर्षों पुरानी समस्याओं को सामने रखा और कहा कि कई पीढ़ियां प्राधिकरण के चक्कर लगाते-लगाते गुजर गईं, लेकिन आज तक स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

बैठक के दौरान सुनील अवाना ने कहा कि किसानों की आबादियों का बिना मौके पर सर्वे किए अधिग्रहण कर लिया गया, जिसके चलते ग्रामीणों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पीपी एक्ट के तहत हजारों मुकदमे किसानों पर लाद दिए गए हैं, जिन्हें तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुभाष भाटी ने भी कहा कि प्राधिकरण किसानों की समस्याओं को अनदेखा कर रहा है, इसी वजह से किसान संगठनों को बार-बार आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ता है।

किसान नेताओं ने मांग की कि गांवों की आबादियों को “जहां है, जैसी है” के आधार पर छोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि वर्ष 1997 से पहले किसानों को पांच प्रतिशत विकसित भूखंड का लाभ नहीं दिया जाता था, जबकि पहले आवासीय योजनाओं में किसानों को आरक्षण भी मिलता था। अब स्थिति यह है कि पात्र किसान भी इन लाभों से वंचित रह गए हैं। किसानों ने मांग की कि आवासीय और औद्योगिक भूखंड योजनाओं में किसानों का आरक्षण फिर से लागू किया जाए और पांच प्रतिशत के भूखंडों को अतिक्रमण बताकर छीने जाने की प्रक्रिया बंद हो।

प्रतिनिधिमंडल ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को नजीर मानते हुए सभी किसानों को दस प्रतिशत अतिरिक्त भूखंड आवंटित करने की मांग भी रखी। साथ ही यह भी कहा गया कि पांच प्रतिशत भूखंडों पर व्यवसायिक गतिविधियों की अनुमति देने के लिए स्पष्ट नियम बनाए जाएं। किसानों ने गांवों के विकास को शहर की तर्ज पर कराने, नोएडा प्राधिकरण के स्कूलों और निजी संस्थानों में स्थानीय बच्चों के लिए कम से कम 25 प्रतिशत रोजगार कोटा तय करने और गांवों में जर्जर हो चुकी सीवर लाइनों को बदलने की मांग भी उठाई।

किसानों का कहना है कि आबादी बढ़ने के कारण पुराने सीवर पाइप छोटे पड़ चुके हैं और लगातार चोक की समस्या बनी रहती है, लेकिन प्राधिकरण इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। बैठक के दौरान किसानों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन को और तेज करने के लिए मजबूर होंगे।

‘कोटा फैक्ट्री’ सीजन 3: जितेंद्र कुमार की दमदार ड्रामा नेटफ्लिक्स पर आएगी, रिलीज डेट सामने आई

Related Articles

Back to top button