Noida Authority Action: नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, स्पोर्ट्स सिटी परियोजना पर नोटिस, अधूरा निर्माण और शर्तों का उल्लंघन उजागर

Noida Authority Action: नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, स्पोर्ट्स सिटी परियोजना पर नोटिस, अधूरा निर्माण और शर्तों का उल्लंघन उजागर
नोएडा, 12 नवम्बर: नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-152 स्थित बहुचर्चित स्पोर्ट्स सिटी परियोजना (भूखण्ड संख्या एससी-01) में गंभीर अनियमितताएं और पट्टा शर्तों के उल्लंघन पाए जाने पर कड़ा रुख अपनाया है। प्राधिकरण ने इस परियोजना से जुड़े आवंटी M/s ATS Homes Pvt. Ltd. (Consortium) सहित सभी संबंधित सदस्यों को औपचारिक नोटिस जारी किया है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम पारदर्शिता, जवाबदेही और शहरी विकास योजनाओं के अनुशासन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
निर्माण अधूरा, हरित क्षेत्र उपेक्षित
नोएडा प्राधिकरण द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह भूखण्ड 16 जुलाई 2015 को ATS Homes Pvt. Ltd. को आवंटित किया गया था। परियोजना को 10 उप-भूखण्डों में विभाजित किया गया था, जिनमें चार आवासीय टावर और चार वाणिज्यिक भूखण्डों के मानचित्र पहले ही स्वीकृत किए जा चुके थे। पट्टा शर्तों के अनुसार, आवंटी को पांच वर्ष में खेल सुविधाओं का विकास और सात वर्ष, अर्थात 29 दिसंबर 2022 तक आवासीय व वाणिज्यिक निर्माण कार्य पूर्ण कर अधिभोग प्रमाण पत्र प्राप्त करना था।
हालांकि, 4 नवम्बर 2025 को प्राधिकरण की वर्क सर्किल टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया कि न तो निर्माण कार्य पूरा हुआ है और न ही स्वीकृत मानचित्रों के अनुसार हरित क्षेत्र और ग्रीन कवरेज पर कोई कार्य शुरू किया गया है। यह स्पष्ट रूप से विकास समझौते की शर्तों का उल्लंघन है।
बकाया भुगतान लंबित, कानूनी कार्रवाई तय
प्राधिकरण ने यह भी बताया कि कई बार चेतावनी और नोटिस देने के बावजूद आवंटी द्वारा अब तक प्राधिकरण की देय राशि का भुगतान नहीं किया गया है। यह मामला उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन से भी जुड़ा हुआ है, इसलिए प्राधिकरण ने इसे गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा कि किसी भी परियोजना में नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अधूरे निर्माण, हरित क्षेत्र की अनदेखी और वित्तीय बकाया जैसी लापरवाहियों पर किसी प्रकार की रियायत नहीं दी जाएगी।
प्राधिकरण ने यह भी संकेत दिया है कि यदि निर्धारित समयसीमा में परियोजना की स्थिति में सुधार नहीं किया गया तो संबंधित कंपनी पर आगे की प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई अनिवार्य होगी। नोएडा प्राधिकरण का यह कदम शहर में हो रहे रियल एस्टेट विकास कार्यों को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।





