
New Delhi : उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि भारत के संतों, ऋषियों और मुनियों की तपस्या और ध्यान राष्ट्र के शाश्वत ज्ञान की आध्यात्मिक रीढ़ हैं। उन्होंने ब्रह्मकुमारी फ़ाउंडेशन की सराहना की, जो नारी-शक्ति द्वारा संचालित है और हमारे नागरिकों की आध्यात्मिक समृद्धि का ध्यान रख रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ब्रह्मकुमारी की आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने और भारत सहित विदेशों में लाखों लोगों को मन की शांति और पवित्रता की ओर मार्गदर्शन करने के लिए सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजयोग और विपश्यना जैसी परंपराएँ दर्शाती हैं कि सच्ची शक्ति और स्पष्टता भीतर से उत्पन्न रहीं।
उपराष्ट्रपति ने पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति केंद्र की मजबूत प्रतिबद्धता और मिशन लाइफ़ के साथ इसके तालमेल की भी सराहना की। उन्होंने केंद्र की हरित पहलों, जैसे एक मेगावाट क्षमता वाला हाइब्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन प्रणाली, बायोगैस संयंत्र, मलजल शोधन संयंत्र, सौर-आधारित हरित रसोई, निःशुल्क पौधशाला तथा कल्पतरु परियोजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने ब्रह्मकुमारी द्वारा ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ में योगदान तथा वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में कर्मयोग के अभ्यास जैसी सामाजिक पहलों की भी प्रशंसा की।





