
New Delhi (मिताली चंदोला, एडिटर, स्पेशल प्रोजेक्ट्स) : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी SSP अदील अकबर की अचानक और रहस्यमयी मौत ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है। शुरुआती पुलिस रिपोर्टों में इसे आत्महत्या बताया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार सिर में गोली लगने से उनकी मौत हुई, और प्राथमिक जांच में किसी भी बाहरी संघर्ष का कोई सबूत नहीं मिला है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर अदील अकबर के खिलाफ जासूसी के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। कुछ अफवाहों में दावा किया गया है कि उन्होंने नूर खान एयरबेस के जीपीएस कोऑर्डिनेट्स भारत को भेजे थे। हालांकि, यह आरोप किसी विश्वसनीय स्रोत या सरकारी एजेंसी द्वारा पुष्ट नहीं किए गए हैं।
पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और सेना की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस्लामाबाद पुलिस ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है ताकि मौत के पीछे के असली कारणों का पता लगाया जा सके।
अदील अकबर को एक कुशल और ईमानदार अधिकारी माना जाता था। उनकी अचानक मौत ने पुलिस और सुरक्षा बलों के भीतर मनोवैज्ञानिक तनाव और बढ़ते दबाव को उजागर किया है। यह घटना पाकिस्तान की कानून-व्यवस्था और खुफिया तंत्र के बीच व्याप्त असंतुलन की एक झलक भी देती है, जहां अफवाहें और संदेह किसी अधिकारी के करियर और जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।
इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि पाकिस्तान में सुरक्षा और खुफिया संस्थाओं में पारदर्शिता की कमी, आंतरिक डर और भरोसे की कमी कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। अदील अकबर की मौत केवल एक अधिकारी की व्यक्तिगत त्रासदी नहीं है, बल्कि यह उस सिस्टम की कमजोरी और अस्थिरता को भी उजागर करती है।





