
New Delhi/Mumbai (मिताली चंदोला, एडिटर, स्पेशल प्रोजेक्ट्स) : मुंबई की चमकती फिल्म इंडस्ट्री इन दिनों एक ऐसी हलचल के केंद्र में है जिसने सितारों, प्रोड्यूसर्स और मैनेजमेंट एजेंसियों को बेचैन कर दिया है। हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार मुंबई पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स सेल (ANC) ने ₹252 करोड़ के एक विशाल ड्रग ट्रैफिकिंग नेटवर्क की जांच को तेज़ कर दिया है—एक ऐसा संगठित तंत्र जिसके तार कथित रूप से डी-Company से जुड़े तस्करों तक पहुँचते हैं। यह खुलासा 13 नवंबर 2025 को रिपोर्ट हुआ और इसके बाद से बॉलीवुड की चुप्पी और गहरी हो गई है।
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इस पूरे मामले के केंद्र में है गिरफ्तार आरोपी शेख, जिसने पूछताछ के दौरान हाई-प्रोफाइल पार्टियों, निजी आयोजनों और मनोरंजन जगत के कुछ लोगों का उल्लेख किया। पुलिस दस्तावेज़ों में इन पार्टियों का वर्णन शहर के बाहर स्थित निजी फ़ार्महाउसों, सुरक्षित व एकांत परिसरों के रूप में दर्ज है। शेख के बयान अब ANC की जांच का महत्वपूर्ण आधार बने हुए हैं, हालांकि अधिकारी साफ तौर पर कहते हैं कि यह केवल इनपुट है, सबूत नहीं।
जांच टीमों का कहना है कि किसी भी नाम का सामने आना, किसी व्यक्ति को दोषी ठहराना नहीं है। शेख द्वारा की गई बातें तभी मायने रखेंगी जब उन्हें डिजिटल डेटा, वित्तीय ट्रेल, मोबाइल एक्सट्रैक्शन, कॉल रिकॉर्ड, CCTV फुटेज और सर्विलांस इनपुट्स से पुष्ट किया जाएगा। इसलिए, जांच अधिकारी आरोपों से ज़्यादा साक्ष्य-आधारित सत्यापन पर ध्यान दे रहे हैं।
मुंबई पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब तक किसी भी बॉलीवुड अभिनेता को आरोपी नहीं बनाया गया है और न ही किसी को तलब किया गया है। उद्योग में हलचल का वास्तविक कारण यह नहीं कि किसी का नाम आया—बल्कि यह कि जांच उस परत तक पहुँच गई है जहाँ निजी पार्टियाँ, फ़ार्महाउस आयोजन और बंद कमरों की गतिविधियाँ भी जांच के घेरे में आ सकती हैं।
ANC की टीमें अब बैंक लेनदेन, प्रॉपर्टी रूट्स, हवाला चैनलों और डिजिटल चैट्स का विश्लेषण कर रही हैं। जाँच अब एक क्रिटिकल फेज़ में है, और अधिकारी स्पष्ट हैं—न किसी को जल्दबाज़ी में क्लीन चिट मिलेगी, न किसी पर बिना साक्ष्य उंगली उठाई जाएगी।





