
New Delhi (मिताली चंदोला, एडिटर, स्पेशल प्रोजेक्ट्स) : आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में खतरे की घंटी बज चुकी है। बंगाल की खाड़ी में बन रहा चक्रवात ‘मोंथा’ अब एक गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है और इसके आज रात मछलीपट्टनम और कालिंगपट्टनम के बीच (काकीनाडा के पास) तट से टकराने की संभावना है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आंध्र के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जहां भारी बारिश, तेज़ हवाओं और समुद्री लहरों के ऊँचा उठने की चेतावनी दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार, यह सिस्टम बंगाल की खाड़ी में बने गहरे दबाव क्षेत्र से विकसित होकर उत्तर-पश्चिम की ओर तेजी से बढ़ा। लैंडफॉल के समय हवा की रफ्तार 90–100 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है, जबकि झोंकों की गति 110 किमी प्रति घंटा तक होने की आशंका है।
राज्य सरकार ने निचले और तटीय इलाकों से बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान शुरू कर दिया है। अब तक काकीनाडा, कोनसीमा, पश्चिम गोदावरी, कृष्णा, बापटला, प्रकाशम और नेल्लोर जिलों से करीब 10,000 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। होप आइलैंड के 110 परिवारों को भी सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
एनडीआरएफ और राज्य आपदा राहत टीमें खाने-पीने की सामग्री, दवाइयों और रेस्क्यू बोट्स के साथ तैनात हैं। सभी स्कूल-कॉलेज 31 अक्टूबर तक बंद कर दिए गए हैं, जबकि मछली पकड़ने और समुद्री गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, चक्रवात से 1 से 1.5 मीटर ऊँची समुद्री लहरें उठ सकती हैं, जिससे तटीय गाँवों में जलभराव और बाढ़ की आशंका है।
ओडिशा और तमिलनाडु में भी भारी बारिश के आसार हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहें, अलर्ट पर ध्यान दें और समुद्र तटों से दूर रहें।




