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National Education Day 2024: जानें कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत, मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान

National Education Day 2024: हर साल देश में 11 नवंबर को 'नेशनल एजुकेशन' डे मनाया जाता है. आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर इसे मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब की गई थी.

National Education Day 2024: कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत

National Education Day 2024: भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। मौलाना आजाद का भारतीय शिक्षा प्रणाली में अहम योगदान था, जिसके कारण यह दिन विशेष रूप से उन्हें सम्मानित करने के लिए चुना गया है।

National Education Day 2024:  मौलाना अबुल कलाम आजाद का योगदान

मौलाना अबुल कलाम आजाद, एक स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद थे, जिन्होंने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार की दिशा में कई कदम उठाए। उनके योगदान को न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में सराहा गया।

उन्होंने यूजीसी (UGC) की स्थापना की सिफारिश की, जो आज भारतीय उच्च शिक्षा के सबसे महत्वपूर्ण संस्थानों में से एक है। इसके अलावा, उन्होंने लड़कियों के लिए शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया और 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का समर्थन किया।

National Education Day FAQs: जानिए मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने देश के लिए क्या  किया? | National Education Day 2024 History, Significance And All National  Education Day FAQs in hindi - Hindi Careerindia

National Education Day 2024:  राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत

2008 में शिक्षा मंत्रालय ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को सम्मानित करने के लिए 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया। इस दिन को मनाने का उद्देश्य न केवल उनकी शिक्षा के क्षेत्र में भूमिका को याद करना था, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना था कि भारत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी नागरिकों तक पहुंचे।

National Education Day 2024:  शिक्षा का भविष्य और मौलाना आजाद की दृष्टि

मौलाना आजाद ने यह विश्वास जताया था कि शिक्षा किसी भी देश के भविष्य को आकार देती है और यह नई सोच और नवाचार को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने भारत रत्न से सम्मानित होने के बाद भी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता और योगदान जारी रखा।

National Education Day 2024:  मौलाना अबुल कलाम आजाद का दृष्टिकोण

मौलाना अबुल कलाम आजाद का मानना था कि केवल उच्च शिक्षा ही नहीं, बल्कि प्राथमिक शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। उनका उद्देश्य था कि हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक स्थिति का हो।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर मौलाना आजाद के विचार

मौलाना आजाद के दृष्टिकोण के अनुसार, शिक्षा के माध्यम से ही एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं की शिक्षा के बिना कोई भी राष्ट्र पूरी तरह से प्रगति नहीं कर सकता। उनके योगदान ने भारत के शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा दी।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 हमें याद दिलाता है कि शिक्षा ही समाज में बदलाव और विकास की कुंजी है। मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को याद करते हुए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, और हमारा देश शिक्षा के क्षेत्र में और भी प्रगति करे।

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