नर्सिंग स्टॉफ की कमी के चलते अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं चरमराई
-जच्चा -बच्चा सहित अन्य मरीजों की नहीं हो पा रही उचित देखभाल

नई दिल्ली, 4 जुलाई : कोरोना महामारी के दौरान लोक नायक अस्पताल में भर्ती 160 नर्सिंग स्टॉफ को काम से हटाने का असर वीरवार को आपातकालीन चिकित्सा समेत सामान्य चिकित्सा सेवाओं पर देखा गया। इस दौरान अस्पताल के एमरजेंसी ब्लॉक से लेकर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग और ऑपरेशन थिएटर (ओटी) तक स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई।
नर्सिंग स्टॉफ की कमी के चलते स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में नवजात शिशु व मां को उचित इलाज व देखभाल नहीं मिल पा रहे। गर्भवती महिलाओं को प्रसव व सीजेरियन ऑपरेशन की सुविधा नहीं मिल पा रही। अस्पताल की अनेक ओटी ठप पड़ी हैं। वहीं, एक से अधिक शिफ्ट में काम करने वाले स्थायी कर्मचारी काम का दोगुना दबाव नहीं झेल पा रहे हैं और बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में सीमित संसाधनों के चलते अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं गड़बड़ा गईं हैं।
वहीं, अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि नर्सिंग स्टाॅफ, पैरामेडिकल और फार्मासिस्ट कर्मचारियों की कमी के कारण पिछले तीन दिन में दर्जनों सर्जरी रदद हो गईं हैं। दरअसल, कोरोना की लहर धीमी होने के बाद सरकार की ओर से लोकनायक अस्पताल में तैनात सभी अस्थायी कर्मियों को हटाने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि उनकी जरूरत अस्पताल में नहीं थी। इस निर्देश के खिलाफ कर्मचारी केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से स्टे ले आए लेकिन हाल ही में कैट ने पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाओं का मामला अस्पताल प्रशासन के विवेक पर छोड़ दिया था।
अन्य अस्पतालों में कार्यरत स्टाफ को लोकनायक अस्पताल में किया गया तैनात
लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ सुरेश कुमार ने वीरवार शाम बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों में कार्यरत स्टाफ को अस्पताल में तैनात किया गया है। सभी ओटी, प्रसव और सीजेरियन ऑपरेशन किए जा रहे हैं। अब सब सेवाएं सामान्य हैं। जो स्टाफ छुट्टी पर हैं, उनकी छुट्टी रद्द करके उन्हें वापस ड्यूटी पर बुलाया गया है। वीरवार को अस्पताल में 31 मेजर और 42 माइनर सर्जरी संपन्न करने के साथ छह सीजेरियन ऑपरेशन भी किए गए हैं। आपातकालीन विभाग के सभी ओटी सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।