
नई दिल्ली, 27 मई: रविवार की सुबह अरब सागर में डूबे लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमवी एमएससी एल्सा 3 के कंटेनर पानी में बहकर केरल के तट पर पहुंच गए हैं। इससे जहां क्षेत्र में प्रदूषण फैलने की आशंका बढ़ सकती है। वहीं केरल तट पर मलबा एकत्र होने से नाविकों के लिए समस्या उत्पन्न हो सकती है।
दरअसल, अलपुझा के दक्षिण-पश्चिम में केरल के तट से लगभग 15 समुद्री मील दूर समुद्र में डूबे मालवाहक जहाज में सैकड़ों कंटेनर लदे थे जिनमें तेल और कैल्सियम कार्बाइड सहित अन्य खतरनाक सामान भरा था। इस वजह से पर्यावरण संबंधी चिंताएं बढ़ गईं हैं। जिससे निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने आईसीजी जहाज सक्षम के साथ समुद्र प्रहरी और एक विशेष प्रदूषण प्रतिक्रिया पोत को तैनात किया है। इसके अलावा पीआर विन्यास में अतिरिक्त ओपीवी भी क्षेत्र में तैनात किए गए हैं।
आईसीजी के मुताबिक डोर्नियर विमान के जरिये क्षेत्र में तेल रिसाव की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। इस दौरान साइट के पास 100 से अधिक कंटेनर तैरते हुए देखे गए, जिनमें से कुछ टूट गए और उनकी सामग्री आस-पास के पानी में बिखर गई। नाविकों को नेविगेशन के खतरों के कारण सतर्क रहने और सावधानी बरतने की सलाह जारी की गई है। इसके अलावा राज्य प्रशासन को तटरेखा सफाई अभियान के लिए तैयार रहने और स्थानीय समुदायों को तट पर आने वाले किसी भी मलबे या माल को संभालने के प्रति सावधान रहने की सलाह दी गई है।
बीते रविवार को शिपिंग महानिदेशालय द्वारा एक समन्वय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें एक एकीकृत प्रतिक्रिया रणनीति को लागू करने के लिए आईसीजी, पोत मालिकों, प्रबंधकों, केरल राज्य प्राधिकरणों और एसडीएमए सहित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया गया था। हालांकि, दुर्घटनाग्रस्त जहाज प्रबंधक मेसर्स एमएससी ने कंटेनर और कार्गो पुनर्प्राप्ति के साथ मलबे से तेल हटाने और सफाई लिए मेसर्स टीएंडटी साल्वेज को नियुक्त किया है।
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