नई दिल्ली, 29 दिसम्बर : आपकी लगन और कर्तव्य के प्रति समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा है। आपकी कड़ी मेहनत व प्रतिबद्धता के कारण ही हमारा देश और इसकी सीमाएं लगातार सुरक्षित एवं मजबूत होती जा रही हैं।
यह बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों (आर्मी वॉर कॉलेज, इन्फैंट्री स्कूल और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन एंड इंजीनियरिंग) में प्रशिक्षणरत सैनिकों को संबोधित करते हुए रविवार को मध्य प्रदेश के महू में कहीं। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री ने सैन्य रणनीति और युद्ध कौशल में कर्मियों को कुशल बनाने के लिए भारतीय सेना के प्रशिक्षण संस्थानों के बहुमूल्य योगदान की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में योगदान देने वाली सेना की निशानेबाजी इकाई का दौरा किया।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने महू में डॉ. बीआर अंबेडकर को समर्पित स्मारक भीम जन्मभूमि का दौरा किया और भारतीय संविधान के निर्माता को श्रद्धांजलि दी। राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों से वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य पर सतर्क नजर रखने और किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए हमेशा सतर्क और तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, आज जब भारत को सीमाओं के साथ-साथ आंतरिक मोर्चे पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सैनिकों के लिए विरोधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखना और उनके खिलाफ समय पर और प्रभावी कदम उठाना जरूरी हो जाता है।
रक्षा मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का लक्ष्य 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है और सशस्त्र बल इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, आप हमारी सीमाओं के रक्षक हैं और राष्ट्र निर्माण में अग्रणी हैं। मुझे यकीन है कि आप साहस और समर्पण के साथ हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते रहेंगे और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान देंगे।
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