नई दिल्ली: फोर्थ स्टेज कैंसर के मरीज को एम्स में मिला नया जीवन
नई दिल्ली: -सर्जरी के दौरान महिला के अंगों का किया गया पुनर्निर्माण
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर: ओवेरियन कैंसर (गर्भाशय का कैंसर) के चौथे चरण से जूझ रही 49 वर्षीय महिला को एम्स दिल्ली ने ना सिर्फ कैंसर से निजात दिलाने में सफलता प्राप्त की है। बल्कि, उसकी अनुमानित आयु को मात्र छह माह की अपेक्षा 10 साल तक बढ़ा दिया है।
दरअसल, यह महिला करीब 10 साल से ओवेरियन कैंसर से पीड़ित थी और कैंसर ग्रस्त ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी करा चुकी थी। करीब तीन साल तक कैंसर का इलाज नहीं कराने के चलते गर्भाशय में 9.8 किग्रा वजनी ट्यूमर विकसित हो गया और महिला की छोटी आंत, बड़ी आंत, मूत्राशय, मूत्र नली और वजाइना को बुरी तरह प्रभावित करने लगा। वहीं, महिला की चिकित्सकीय स्थिति के मद्देनजर तमाम अन्य डॉक्टरों व अस्पतालों ने इलाज से इनकार कर दिया था। लेकिन ट्यूमर के वजन के दबाव की वजह से महिला को मल -मूत्र त्याग और भोजन -पानी ग्रहण करने में दिक्कत होने लगी। वह जो कुछ भी खाती -पीती थी, उसे उल्टी हो जाती थी जिसके चलते महज तीन महीने में महिला का वजन 15 किग्रा कम हो गया।
इसके बाद वह एम्स दिल्ली पहुंची जहां ऑन्कोलॉजी सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ एम डी रे ने महिला के कैंसर की पहचान अंडाशय के ग्रैनुलोसा सेल ट्यूमर के तौर पर की और बिना देरी महिला की सर्जरी संपन्न करने का फैसला किया। उन्होंने इस जटिल सर्जरी के दौरान महिला के छोटी आंत, बड़ी आंत, मूत्राशय, मूत्र नली और वजाइना तक पहुंच चुके ट्यूमर को अलग किया और उसे शरीर से बाहर निकाल दिया। इस दौरान उन्हें महिला के छोटी आंत, बड़ी आंत, मूत्राशय, मूत्र नली और वजाइना समेत सात अंगों को पुनर्निर्मित भी करना पड़ा।
डॉ रे ने बताया कि यह कैंसर अक्सर 80 -90 फीसद मामलों में एडवांस स्टेज पर ही डिटेक्ट होता है। इसका सबसे आम लक्षण असामान्य योनि रक्तस्राव है। अगर किसी महिला को असामान्य रक्तस्राव होता है, तो उसे जल्द से जल्द डॉक्टर से बात करनी चाहिए। वहीं, डॉ रे के साथ उक्त महिला की सर्जरी करने वाले एसआर डॉ रोहन कपूर ने बताया कि सर्जरी के बाद महिला को कीमोथेरेपी और रेडियो थेरेपी भी दी गई। इस दौरान महिला को भोजन के तौर पर हाई प्रोटीन डाइट लिक्विड रूप में दी गई। पांचवें दिन महिला ने मल मूत्र त्यागना भी शुरू कर दिया। सातवें दिन महिला को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। उन्होंने बताया कि अब महिला की उम्र कम से कम 10 साल और बढ़ गई है जिसे अन्य विशेषज्ञ महज छह माह शेष बता रहे थे।
क्या होता है ओवेरियन कैंसर ?
यह एक घातक ट्यूमर है जो अंडाशय में होता है। ओवेरियन कैंसर का इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, या लक्षित चिकित्सा से किया जाता है। कुछ मामलों में, कीमोथेरेपी और सर्जरी दोनों का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह महिला प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करता है। इसमें अंडाशय या फैलोपियन ट्यूब में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं। ये कोशिकाएं तेज़ी से फैलती हैं और शरीर के कामकाज को प्रभावित करती हैं।
ओवरी कैंसर का पता कैसे लगाएं ?
ओवरी कैंसर का पता लगाने के लिए रक्त परीक्षण, बायोप्सी, सीटी स्कैन, और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट किए जाते हैं। चूंकि इसके लक्षण जल्दी दिखाई नहीं देते। जिसके चलते ओवरी कैंसर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।
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