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नई दिल्ली: पेयजल की मांग में इजाफा, बोतलबंद पानी खरीद रहे लोग

नई दिल्ली: -दिल्ली जल बोर्ड नागरिकों को पानी की सुचारू आपूर्ति करने में नाकाम

नई दिल्ली, 2 मार्च। मौसम का पारा चढ़ने के साथ राजधानी दिल्ली में पेयजल की किल्लत बढ़नी शुरू हो गई है। विभिन्न कालोनियों में पेयजल आपूर्ति में कटौती से परेशान लोग बोतलबंद पानी खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

सरकार के गठन के साथ ही दिल्ली में पेयजल संकट गहराने लगा है। जो नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है। इससे जहां सरकार की कल्याणकारी नीति के विपरीत आम जनता को बोतल बंद पानी की खरीद पर अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ रहा है। वहीं, आर्थिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

इस संबंध में रोहतास नगर क्षेत्र के निवासी गौरव चावला ने कहा कि आम घरों में नल से आने वाला पानी ना सिर्फ स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण के भी अनुकूल है। लेकिन लोगों को प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी खरीदना पड़ रहा है, जिसकी कीमत नल के पानी से काफी ज्यादा होती है। इससे पानी विक्रेताओं का तो मुनाफा बढ़ रहा है और आम आदमी की जेब कट रही है।

बोतलबंद पानी की बिक्री के बाबत एक निजी लघु जल संयंत्र के स्वामी परमजीत सिंह ने कहा कि यूं तो पानी की मांग साल भर बनी रहती है। शादी, विवाह, जन्मदिन व अन्य समारोह में भी लोग बोतलबंद पानी को तरजीह देते हैं। लेकिन गर्मी के मौसम में खनिज तत्व वाला पानी, शुद्ध पानी और साधारण पानी तीनों की मांग बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि इस बार यह मांग फरवरी माह के अंत से ही बढ़नी शुरू हो गई है।

हालांकि, दिल्ली में पेयजल की किल्लत हर साल मई -जून के दौरान चरम पर पहुंच जाती है लेकिन इस वर्ष गर्मी ने फरवरी माह के अंत से ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। जिसके चलते मार्च की शुरुआत में ही पानी की मांग काफी बढ़ गई है। उधर, पानी की सुचारू आपूर्ति को लेकर दिल्ली सरकार की ग्रीष्मकालीन कार्य योजना (समर एक्शन प्लान) भी अधर में लटकी है। गर्मी के आगमन के बावजूद दिल्ली जल बोर्ड ने इस पर काम ही शुरू नहीं किया है।

कितना सुरक्षित बोतल बंद पानी
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पानी का महंगा ब्रांड ही पानी की शुद्धता को साबित नहीं करता। बल्कि प्लास्टिक की बोतल बनाने में इस्तेमाल प्लास्टिक का ग्रेड भी इसकी शुद्धता को प्रभावित करता है। हालांकि, कई ब्रांड पानी को सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता का दावा करके बेच रहे हैं। लेकिन जिसे हम अमृत समझ कर पीते हैं उस पानी में कई ऐसे घटक हो सकते हैं जो हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल सकते हैं। प्लास्टिक की बोतलों से हानिकारक रसायनों के रिसने का खतरा बना रहता है, खासकर अगर पानी को लंबे समय तक इन बोतलों में स्टोर किया जाता है, या फिर इन्हें धूप या बेहद अधिक तापमान में छोड़ दिया जाता है।

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