
नई दिल्ली, 4 अगस्त : देश के तीन प्रमुख राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थानों के 9 पर्वतारोहियों को पैंगोंग त्सो क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा ध्वज फहराने में कामयाबी हासिल की है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल हमारे देश के पर्वतारोहियों की अदम्य भावना और सहनशक्ति का प्रतीक है, बल्कि साहसिक खेलों और उच्च ऊंचाई वाले अभियानों में भारत की बढ़ती हुई क्षमता का गौरवपूर्ण प्रमाण भी है।
इस संयुक्त अभियान दल को जेआईएम एंड डब्ल्यूएस पहलगाम के प्रिंसिपल कर्नल हेम चंद्र सिंह ने मौजूदा साल की 24 जुलाई को सोनमर्ग से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। जिसमें जवाहर पर्वतारोहण एवं शीतकालीन खेल संस्थान (जेआईएम एंड डब्ल्यूएस), पहलगाम; नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम), उत्तरकाशी; और हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान (एचएमआई), दार्जिलिंग से चयनित प्रशिक्षक शामिल थे।
तीनों राष्ट्रीय संस्थानों के अनुभवी दल में सेवानिवृत्त रफीक अहमद मलिक के साथ हवलदार सज्जाद हुसैन, नायक भरत सिंह, हवलदार योगेश, सब मेजर हजारी लाल, नायब सब भूपिंदर सिंह, रॉबिन गुरुंग और जुबिन राय शामिल रहे। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पैंगोंग त्सो क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटियों – माउंट मेराग-III (6,480 मीटर) और माउंट कांगजू कांगड़ी (6710 मीटर) पर चढ़ने में सफलता प्राप्त की।
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