
नई दिल्ली, 6 मई : लगातार एक ही सीट पर बैठे रहने और लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने की आदतें हमारे कामकाजी जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं। लेकिन ये आदतें शरीर में रोग उत्पन्न कर रही हैं जिसके चलते पीठ दर्द, गर्दन दर्द, आंखों पर तनाव, उंगलियों व कलाई में दर्द होने के साथ हृदय रोग एवं कैंसर रोग तक होने के खतरे बढ़ रहे हैं।
यह जानकारी ‘स्वास्थ्य, हृदय और सद्भाव में योग की भूमिका’ विषय को लेकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने प्रदान की। इस अवसर पर अस्पताल निदेशक डॉ अजय शुक्ल के साथ फिजियोलॉजी विभाग की प्रमुख मीनाक्षी चसवाल, प्रो पल्लवी कुमारी, एसआर त्रिशला, अनुराग, अफसान और सतीश के अलावा अरबिंदो आश्रम के योग प्रशिक्षक व एम्स दिल्ली के पूर्व डॉ. राजन बिजलानी और इंदु शर्मा मौजूद रहे।
डॉ चसवाल ने कहा, आजकल कामकाजी लोगों के साथ स्कूली बच्चे भी पीठ दर्द, गर्दन दर्द, आंखों पर तनाव की समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। लगातार बैठकर पढ़ाई करने से उनकी सेहत भी प्रभावित हो रही है। हल्के और आसान व्यायाम उन्हें दर्द और तनाव से राहत दे सकते हैं। उन्होंने कहा, आधुनिक चिकित्सा एक्यूट रोगों में लाभकारी है लेकिन स्ट्रेस रिलेटेड क्रोनिक डिजीज में योग और पारंपरिक दवाएं ज्यादा प्रभावकारी हैं। ऐसे में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को मॉडर्न मेडिसिन के साथ एकीकृत करने की जरूरत है।
डॉ. सिंधुल चौधरी ने चेयर योग के प्रयोग और लाभों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कार्यालय में कुर्सी पर बैठे- बैठे भी योग किया जा सकता है, जिनमें मार्जरी आसन, गरुड़ासन, और रीढ़ को घुमाने वाले आसन प्रमुख रूप से शामिल हैं। यह तनाव, थकान और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा काम के दौरान नियमित रूप से स्ट्रेचिंग करें। अपने शरीर को हाइड्रेट रखें। सही मुद्रा में बैठें। काम के दौरान ब्रेक लें और थोड़ा टहलें।
चेयर योग भगाए रोग
रीढ़ को घुमाने वाले आसन: यह आसन आपकी रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और तनाव को कम करता है। कुर्सी पर बैठकर, अपनी रीढ़ को दाएं और बाएं घुमाएं, जैसे कि आप किसी चीज को देख रहे हों।
कंधे के रोटेशन: यह आसन आपके कंधों को लचीला बनाता है और तनाव को कम करता है। कुर्सी पर बैठकर अपने कंधों को आगे और पीछे घुमाएं।
पैरों को रोटेट करना: यह आसन आपके पैरों की मांसपेशियों को सक्रिय करता है और रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। कुर्सी पर बैठकर अपने पैरों को रोटेट करें, पहले क्लॉकवाइज और फिर एंटी-क्लॉकवाइज।
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