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नई दिल्ली/कोलकाता: भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा करेगा ‘हिमगिरि’ युद्धपोत

नई दिल्ली/कोलकाता: -नौसेना के प्रोजेक्ट 17A के तहत निर्मित स्वदेशी फ्रिगेट वीरवार को कोलकाता में लांच

नई दिल्ली/कोलकाता, 31 जुलाई: भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े में जल्द ही एक और युद्धपोत ‘हिमगिरि’ शामिल होने जा रहा है जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने वीरवार को कोलकाता में लांच किया। यह भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17A के तहत जीआरएसई द्वारा निर्मित तीन स्वदेशी फ्रिगेट्स में से पहला है।

इस प्रतिष्ठित युद्धपोत को भारतीय नौसेना की ओर से पूर्वी नौसेना कमान के मुख्य कर्मचारी अधिकारी (तकनीकी) रियर एडमिरल रवनीश सेठ ने स्वीकार किया। हिमगिरी, जीआरएसई द्वारा निर्मित और वितरित किया जाने वाला 801वां पोत है जिनमें से 112 युद्धपोत हैं। यह एक ऐसा रिकॉर्ड है जो आज तक देश के किसी भी शिपयार्ड द्वारा नहीं तोड़ा जा सका है। ये 149 मीटर लंबे, 6,670 टन वज़नी युद्धपोत, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के रूप में जीआरएसई के 65 साल के इतिहास में निर्मित सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट हैं। इन तीनों जहाजों की कीमत ₹21,833.36 करोड़ से अधिक है।

पहली बार 14 दिसंबर, 2020 को लॉन्च किया गया हिमगिरि, ब्रह्मोस एंटी-शिप और लैंड-अटैक क्रूज़ मिसाइलों के साथ-साथ बराक 8 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलों से लैस है, जो नौसैनिक हमले और रक्षात्मक क्षमताओं में एक बड़ी छलांग का प्रतिनिधित्व करता है। उच्च स्वदेशी सामग्री के साथ, यह जहाज रक्षा उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता का एक मजबूत प्रतीक है। यह फ्रिगेट डीजल इंजन और गैस टर्बाइन के संयोजन से संचालित होता है और उन्नत एईएसए रडार और आधुनिक लड़ाकू प्रणालियों से लैस है। यह वायु-रोधी, सतह-रोधी और पनडुब्बी-रोधी युद्ध संचालन में सक्षम है। ‘हिमगिरि’ में 225 कर्मियों के लिए आरामदायक आवास भी हैं और जहाज पर हेलीकॉप्टरों के संचालन के लिए पूर्ण विमानन सुविधाएं प्रदान करता है।

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