
नई दिल्ली, 13 मई : मोदी सरकार 3.O ने वित्त वर्ष 2024-25 में जलमार्ग से माल ढुलाई (कार्गो हैंडलिंग) में 4.3% की प्रभावशाली वृद्धि के साथ कुल आय में 8% वृद्धि हासिल की है। यह आय 22,468 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,203 करोड़ रुपये हो गई है।
यह बातें केंद्रीय पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मंगलवार को कहीं। उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत के समुद्री क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है जिसके चलते वित्त वर्ष 2024-25 में देश के प्रमुख बंदरगाहों ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा, बीते वित्तीय वर्ष में जिन वस्तुओं की सबसे ज्यादा ढुलाई की गई, उनमें पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक (पीओएल) जैसे कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद तथा एलपीजी/एलएनजी शामिल हैं। इसके अलावा लौह अयस्क, छर्रे, उर्वरक, इत्यादि जैसी अन्य वस्तुओं का परिवहन शामिल है।
सोनोवाल ने कहा, हम वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी, टिकाऊ और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बंदरगाहों का निर्माण कर रहे हैं जो आने वाले वर्षों में भारत के आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार प्रसार को शक्ति प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा, प्रमुख बंदरगाहों का वित्तीय प्रदर्शन भी उतना ही प्रभावशाली रहा है। जिसके चलते पिछले दशक में कुल आय दोगुनी से भी अधिक बढ़ गई। वित्त वर्ष 2014-15 में कुल आय 11,760 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 24,203 करोड़ रुपये हो गई है।
सोनोवाल ने कहा, भारतीय बंदरगाहों को सामूहिक रूप से बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण के लिए 962 एकड़ भूमि आवंटित की गई है, जिससे 7,565 करोड़ रुपये की आय उत्पन्न होने का अनुमान है। इसके अलावा, पट्टेदारों से भविष्य में आवंटित भूमि पर 68,780 करोड़ रुपये का निवेश करने की उम्मीद है, जो बंदरगाह आधारित विकास में निवेशकों के विश्वास की पुष्टि करता है। इस बदलाव में निजी क्षेत्र की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है, जिसमें प्रमुख बंदरगाहों पर पीपीपी परियोजनाओं में निवेश वित्त वर्ष 2022-23 में 1,329 करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 3,986 करोड़ रुपये हो गया है।