नई दिल्ली, 11 फरवरी: एम्स दिल्ली में स्थापित देश के पहले स्वदेशी स्वचालित बायोमेडिकल अपशिष्ट उपचार रिग, ‘सृजनम’ का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को किया।
इस अग्रणी तकनीक वाले रिग का विकास सीएसआईआर-एनआईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम ने किया है जिसका मकसद अस्पतालों में उत्पन्न होने वाले बायोमेडिकल अपशिष्ट के मौजूदा प्रबंधन में बदलाव लाना है। सृजनम रिग रोगजनक बायोमेडिकल अपशिष्ट जैसे रक्त, मूत्र, थूक और प्रयोगशाला डिस्पोजेबल को भस्मक का उपयोग किए बिना कीटाणुरहित करता है, जिससे पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है। यह दुर्गंध को भी बेअसर करता है और उनकी जगह एक सुखद सुगंध देता है। 400 किलोग्राम प्रतिदिन की शुरुआती क्षमता के साथ, यह प्रतिदिन 10 किलोग्राम सड़ने योग्य चिकित्सा अपशिष्ट का प्रसंस्करण करता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, सृजनम एक कम लागत वाले समाधान का वादा करता है, जिसे बढ़ाया जा सकता है और इसे देश भर के स्वास्थ्य सेवा संस्थानों द्वारा अपनाया जा सकता है। वहीं, सीएसआईआर-एनआईआईएसटी के निदेशक डॉ. सी. आनंदधर्मकृष्णन ने कहा, जैविक कचरे के सुरक्षित और कुशल प्रबंधन से स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को संक्रामक रोगों के जोखिम से बचाने में मदद मिलेगी। एम्स निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा, यह बायोमेडिकल कचरे के निपटान की समस्या को हल करने के साथ संक्रामक रोगों के प्रसार की संभावनाओं में कमी लाएगा। यह स्वास्थ्य सेवा और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद है।
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