नई दिल्ली: एक्सपायर खाद्य पदार्थों की बिक्री पर एफएसएसएआई सख्त
नई दिल्ली: -कंपनियों को हर तीन महीने में देनी होगी एक्सपायर स्टॉक की रिपोर्ट
नई दिल्ली, 23 दिसम्बर : एक्सपायरी डेट के खाद्य पदार्थों व उत्पादों की बिक्री को लेकर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने एक नया नियम बनाया है जिसके तहत मैन्युफैक्चरर को तिमाही आधार पर अपने एक्सपायर, अस्वीकृत और वापस मंगाए गए फूड आइटमों की डिटेल प्राधिकरण को देनी होगी। ताकि लोगों को स्वच्छ व सेहतमंद खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके।
इस निर्देश में फूड आइटम के गुणवत्ता जांच में रिजेक्ट होने से लेकर डिस्पोज करने तक की जानकारी शामिल होगी। साथ ही नीलाम किए गए एक्सपायर आइटमों को खरीदने वाले का ब्यौरा देना होगा। इसके पीछे एक्सपायर हो चुके फूड आइटम्स को दोबारा बेचे जाने से रोकना है। हाल ही में जारी आदेश में कहा गया कि अब खाने-पीने की चीजों से संबंधित रिपोर्ट हर तीन महीने में एफएसएसएआई के ऑनलाइन अनुपालन पोर्टल (एफओसीओएस) पर अनिवार्य रूप से जमा करनी होगी। यह नियम फूड आइटम्स को रीपैकेट या रीलेबल किए जाने पर भी लागू होगा।
यह नया कानून लागू हो चुका है इसलिए मैन्युफैक्चरर को जल्द से जल्द डेटा जुटाना होगा ताकि वे जल्द अपनी रिपोर्ट जमा करा सके और इसकी समीक्षा हो सके। इस डेटा में उन्हें तीन बातों का जिक्र करना जरूरी होगा। पहला- गुणवत्ता जांच में फेल खाद्य उत्पादों की मात्रा, दूसरा-कंपनी में वापस भेजे गए या एक्सपायर हो चुके फूड आइटम्स की मात्रा और तीसरा- एक्सपायरी डेट वाले आइटम की मात्रा और नष्ट करने का तरीका। मैन्युफैक्चरर को ये भी बताना होगा कि एक्सपायर या रिजेक्ट फूड आइटम्स को डिस्पोज किस एजेंसी ने किया या किन उपभोक्ताओं ने इसे खरीदा।
ऑनलाइन खाद्य डिलीवरी के लिए 45 दिन तय
एफएसएसएआई के मुताबिक ऑनलाइन खाद्य पदार्थों की डिलीवरी के समय उनकी एक्सपायरी डेट कम से कम 45 दिन होनी चाहिए। वहीं, दही जैसे खाद्य पदार्थ की एक्सपायरी डेट 30% (10 में से 3 दिन) शेष रहने पर भी स्वीकार्य होगी।
बोतल बंद पानी भी संदेह के घेरे में
एफएसएसएआई ने हाल ही में बोतल बंद पानी को उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ की कैटेगरी में डाल दिया है। इसका मतलब अब इस पानी के निर्माताओं को साल में कम से कम एक बार इसकी जांच जरूर करानी होगी। अभी तक कहा जाता था कि पिज्जा, बर्गर और मोमोज जैसे खाद्य पदार्थों को सेहत के लिए हानिकारक समझा जाता था लेकिन अब बोतल बंद पानी में मिलावट होने और स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होने के खुलासे से गंभीर समस्या खड़ी हो गई है।
‘उच्च जोखिम’ श्रेणी का मतलब?
किसी खाद्य पदार्थ को ‘उच्च जोखिम’ श्रेणी में रखे जाने का मतलब है कि उस खाद्य पदार्थों को बनाने और प्रोसेस करने वाली सुविधाओं का नियमित निरीक्षण किया जाएगा। इससे यह पता चलता है कि उनका उत्पादन सुरक्षित और स्वच्छ तरीके से हो रहा है। इस कदम का उद्देश्य उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। हालाँकि, बोतल बंद पानी और मिनरल वाटर को उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों में रखे जाने के चलते अब उन्हें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। पहले उन्हें बीआईएस से प्रमाणन लेना अनिवार्य था।
सेहत में दिक्कत ?
एक्सपायरी डेट के बाद खाद्य पदार्थों का उपभोग करने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम, पेट की दिक्कत और फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है। इसके अलावा फंगल और बैक्टीरियल समस्या भी उत्पन्न हो सकती है। उपभोक्ता बीमार पड़ सकता है।
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