
नई दिल्ली, 9 जुलाई : ऑनलाइन खाद्य पदार्थ और किराने का सामान खरीदने वाले लोगों के स्वास्थ्य के मद्देनजर, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के लिए कई कड़े निर्देश जारी किए हैं। जो तुरंत प्रभाव से पूरे देश में लागू हो गए हैं।
इन निर्देशों के तहत सभी ई-कॉमर्स संस्थाओं को अब अपने उपभोक्ता से जुड़े हर दस्तावेज यानि रसीद, इनवॉइस और कैश मेमो पर ना सिर्फ अपने एफएसएसएआई लाइसेंस या पंजीकरण संख्या को प्रमुखता से प्रदर्शित करना पड़ेगा। बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहकों को दिए जाने वाले ऐसे सभी दस्तावेजों पर फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप की जानकारी स्पष्ट रूप से छपी हो। ताकि उपभोक्ता खाद्य सामग्री से संबंधित शिकायत आसानी से कर सके।
दरअसल, देश में ऑनलाइन खाद्य वितरण से लेकर किराने के सामान की डिलीवरी की मांग काफी तेजी से बढ़ रही है। जिसके चलते लोगों को खाने -पीने का सामान और घरेलू राशन बेशक घर बैठे मिल रहा है लेकिन कई बार उन्हें खराब या सड़ा हुआ खाना या घटिया क्वालिटी का खाद्य उत्पाद डिलीवर कर दिया जाता है। ऐसे में लोग चाहकर भी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के खिलाफ शिकायत नहीं कर पाते हैं। चूंकि ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या तो पंजीकृत नहीं होते हैं या फिर खाद्य सुरक्षा नियामक संस्था एफएसएसएआई द्वारा प्रमाणित नहीं होते हैं।
एफएसएसएआई के सीईओ जी. कमला वर्धन राव ने कहा, 70 से ज्यादा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रतिनिधियों के साथ बैठक में जारी नवीनतम निर्देशों का मतलब उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जाने वाली प्रत्येक खाद्य वस्तु – चाहे वह स्थानीय दुकान के माध्यम से पहुंची हो या ऑनलाइन ऐप के माध्यम से पहुंची हो – सुरक्षा और स्वच्छता के उच्चतम मानकों को पूरा करे। इस दौरान उपभोक्ता इंटरफेस पर खाद्य उत्पादों के लिए “समाप्ति तिथि” या “उपयोग की तिथि” की जानकारी प्रदर्शित करने पर भी चर्चा की गई।
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