नई दिल्ली, 23 जनवरी: रक्षा क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ देश को ‘सशक्त’ और ‘आत्मनिर्भर’ बनाने में जुटा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) गणतंत्र दिवस की परेड में अपने कुछ अग्रणी नवाचारों का प्रदर्शन करेगा।
रक्षा मंत्रालय ने वीरवार को यहां बताया कि 76 वें गणतंत्र दिवस परेड में डीआरडीओ की झांकी प्रदर्शित की जाएगी। इसकी थीम ‘रक्षा कवच – बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय संरक्षण ‘ पर आधारित है। इस झांकी में त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी/52 कैल एडवांस्ड टोड आटिर्लरी गन सिस्टम के साथ ड्रोन का पता लगाने, रोकने और नष्ट करने के लिए सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली दिखाई जाएगी। साथ ही मध्यम शक्ति रडार – अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली – धर्मशक्ति, लेजर-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल को दिखाया जाएगा।
डीआरडीओ सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल प्रलय हथियार प्रणाली भी प्रदर्शित करेगा। इसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है जो इसकी ताकत को और बढ़ा देता है। परेड के दौरान नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका, ब्रह्मोस, शॉटर् स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर और आकाश हथियार प्रणाली प्रदर्शित की जाएंगी। इसके अलावा लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेद’ दिव्यास्त्र, ‘ज़ोरावर’ हल्का टैंक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली के साथ डोर्नियर विमान के रडार के साथ मिड-लाइफ अपग्रेड जैसी उपलब्धियों को झांकी में पोस्टर के जरिये दिखाया जाएगा। डीआरडीओ महत्वपूर्ण प्रणालियों को विकसित करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को मजबूत करने के लिए शिक्षाविदों, उद्योग, स्टार्टअप और सेवाओं सहित रक्षा इकोसिस्टम के सभी हितधारकों के साथ भागीदारी कर रहा है।