दिल्लीभारत

नई दिल्ली: भावनात्मक रूप से जुड़ने का मतलब जिंदगी की समस्याओं का हल 

नई दिल्ली: -भावनाओं का न करें दमन, खुलकर करें उजागर, मिलेगा सकारात्मक जवाब

नई दिल्ली, 30 जुलाई : प्लीज मेरी मौत पर दुखी मत होना। मेरे लिए मौत, मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। आत्महत्या करना बुरा नहीं है, क्योंकि मुझ पर किसी की जिम्मेदारी नहीं थी। मैं किसी से बहुत जुड़ा हुआ नहीं था और ना ही कोई मुझसे जुड़ा था। मेरी वजह से कोई अवसाद में नहीं जाएगा।

उक्त चार लाइनें हीलियम गैस के सेवन से जीवनलीला समाप्त करने वाले उच्च प्रशिक्षित युवक धीरज कंसल (25 वर्ष) के जीवन के दुखद अंत की कहानी ही नहीं बयां नहीं कर रही हैं। बल्कि आपसी संबंधों में प्रेम, स्नेह, लगाव और विश्वास जैसे भावनात्मक जुड़ाव की कमी को भी उजागर कर रही हैं। इस संबंध में राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ. लोकेश सिंह शेखावत से बात की तो उन्होंने बताया, आजकल लोगों में इमोशनल कनेक्शन या भावनात्मक लगाव कम हो गया है। पीड़ित के सुसाइड नोट के मुताबिक वह ना तो भावनात्मक रूप से लोगों से कनेक्टेड था और ना ही सामाजिक रूप से सक्रिय था।

ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति अकेलेपन का शिकार हो जाता है। मन में निराशा की भावना आने लगती है। वह अपना महत्व जानने के लिए आत्म मूल्यांकन करने लगता है। अगर वह किसी का भाई, बेटा, दोस्त या सहकर्मी है तो वह जानना चाहता है कि वो लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं। उसे कितना महत्व देते हैं। मेरा होना न होना उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। जब वह पाता है कि उसके होने या न होने से किसी को फर्क नहीं पड़ता, वह वर्थलेस है, किसी लायक नहीं है तो वह आवेग में रहने लगता है। ऐसे में जब वह अपने करीबी दोस्त या रिश्तेदार से संपर्क करता है और उसे उचित जवाब या मन वांछित परिणाम नहीं मिलता। तो स्थिति ट्रिगर का काम करती है जिसके चलते व्यक्ति अगले एक-दो घंटे में खुदकुशी जैसा अनुचित कदम उठा लेता है।

डॉ. शेखावत ने कहा, अकेलेपन के चलते मौत को गले लगाना बेहद गलत कदम है। अगर आप अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो इसके बारे में बात करना अच्छा है – खुलकर बात करना बहुत बड़ी ताकत है। अपनी भावनाओं को किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा करने का प्रयास करें जिस पर आप भरोसा करते हों। वह कोई दोस्त, परिवार का सदस्य, सहकर्मी या आपका डॉक्टर हो सकता है। जो लोग परिवार, समाज, दोस्तों से भावनात्मक संबंध बनाए रखते हैं। वह अपने करीबियों की मदद से समस्याओं को मात देने में सक्षम बन जाते हैं। संभवतः पीड़ित युवक भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ पाने की समस्या से ग्रस्त रहा होगा। इस युवक की समस्या शिक्षा या करियर में असफलता नहीं बल्कि भावनात्मक समर्थन की कमी थी।

क्या करें ?
डॉ. शेखावत के मुताबिक लोगों को, विशेषकर युवाओं को अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी में से कुछ पल अपने लिए आरक्षित रखने चाहिए। घर से दफ्तर, दफ्तर से घर वाली रुटीन लाइफ में बदलाव करें। फैमिली गेट- टुगेदर और मेलजोल को बढ़ावा दें। सामाजिक कार्यकलापों में शामिल हो। नजदीकी लोगों से बात करें। अपने फीलिंग और इमोशन को खुलकर उजागर करें। शेयर करें। संवादहीनता को दूर करें। इसके अलावा अपने नजदीकी लोगों पर नजर रखें और अगर आप उन्हें परेशानी या दिक्कत में पाते हैं तो उनसे संपर्क करें। अपने व्यस्त समय में से 40 सेकंड ही दें लेकिन खुद पहल करें और उनसे बात करें। आपकी सिंपल बातचीत और इमोशनल सपोर्ट उन्हें जीवन के अंधकार से बाहर निकलने में मददगार साबित हो सकती है। साथ ही उन्हें स्वयं के महत्वपूर्ण होने का बोध करा सकती है।

क्यों फील होता है अकेलापन?
अकेलापन एक व्यक्तिपरक भावना है जो आमतौर पर तब पैदा होती है जब हमारे जीवन में वास्तविक सामाजिक संपर्क हमारी वांछित बातचीत के अनुरूप नहीं होते। अकेलापन हमें उदास कर देता है। इसके अलावा, यह अनिद्रा (अच्छी नींद न आना), रक्तचाप में बदलाव और अवसाद का भी कारण बन सकता है। अकेलापन एक सामान्य मानवीय अनुभव है, लेकिन जब यह बहुत अधिक समय तक रहता है या गंभीर हो जाता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

सबसे बड़ा कारण क्या है?
इंसान तब अकेला होता है जब उसे सामाजिक संपर्क और भावनात्मक समर्थन की कमी महसूस होती है। भले ही वह शारीरिक रूप से दूसरों से घिरा रहता हो। लेकिन मन की बात न कर पाना, विश्वसनीय व्यक्ति की कमी होना और अच्छे -बुरे समय में भावनात्मक सपोर्ट ना मिल पाना, उसे दुखी कर देती है। चूंकि यह (अकेलापन) एक व्यक्तिपरक भावना है, जो सामाजिक संबंधों की कमी या रिश्तों में संतुष्टि की कमी से उत्पन्न होती है।

अकेलापन महसूस करने के अन्य कारण
सामाजिक अलगाव: लोगों से अलग-थलग महसूस करना या सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने में असमर्थ होना।
रिश्तों में कमी: करीबी दोस्तों या परिवार के सदस्यों की कमी या रिश्तों में संतुष्टि की कमी।
आत्म-सम्मान की कमी: खुद को दूसरों से कमतर समझना या खुद को दूसरों के लायक नहीं समझना।
सामाजिक कौशल की कमी: दूसरों के साथ बातचीत करने या सामाजिक संबंध बनाने में कठिनाई।
अवसाद या चिंता: मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अकेलापन महसूस होना।
महत्वपूर्ण लोगों को खोना: करीबी दोस्त या परिवार के सदस्यों की मृत्यु या अलगाव।

अकेलेपन से कैसे निपटें ?
सामाजिक संपर्क बढ़ाएं: दोस्तों और परिवार के साथ अधिक समय बिताएं, सामाजिक गतिविधियों में भाग लें, या नए लोगों से मिलें।
रिश्तों को मजबूत करें: करीबी लोगों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करें और उनके साथ अधिक समय बिताएं।
आत्म-सम्मान बढ़ाएं :खुद को स्वीकार करें और अपनी ताकत व कमजोरियों को पहचानें।
सामाजिक कौशल सीखें : दूसरों के साथ बातचीत करने और सामाजिक संबंध बनाने के लिए नए कौशल सीखें।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें: यदि आपको अवसाद या चिंता है, तो पेशेवर मनोचिकित्सक की मदद लें। अकेलापन महसूस होने पर याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं। आपकी मदद के लिए कई संसाधन उपलब्ध हैं।

क्या है मामला ?
पेशे से सीए धीरज कंसल ने बीते 28 जुलाई को दिल्ली के बाराखंबा इलाके में स्थित गेस्ट हाउस में खुदकुशी कर ली थी। मूल रूप से मंगोलपुरी के रहने वाले धीरज, वर्तमान में महिपालपुर के एक पीजी में रहते थे और गुरुग्राम की एक कंपनी में सीए की नौकरी करते थे। उनके पिता का 2003 में निधन हो गया था। उनके कोई भाई-बहन भी नहीं थे। मां ने दूसरी शादी कर ली थी, जिसके बाद उनकी परवरिश दादा-दादी ने की थी। धीरज के सुसाइड नोट के अनुसार वह पिता की मृत्यु के बाद से खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। उन्होंने मुंह पर मास्क लगाकर हीलियम गैस सिलेंडर से पाइप जोड़ा और सो गए। इसी हालत में उनकी मौत हो गई। इस तरह का मामला दिल्ली में पहली बार सामने आया है।

क्या है हीलियम?
हीलियम एक गंधहीन, गैर-विषैली, रंगहीन और स्वादहीन गैस है, यह हवा से भी हल्की होती है। अगर शुद्ध हीलियम सांस के जरिये शरीर में चली जाती है तो शरीर जरूरी ऑक्सीजन से वंचित हो जाता है। परिणामस्वरूप कुछ ही मिनटों में दम घुटने से मौत हो सकती है। दबाव वाले टैंक से हीलियम सांस लेने से गैस या वायु एम्बोलिज्म भी हो सकता है, यह एक बुलबुला होता है जो शरीर की रक्त वाहिका में फंस जाता है और उसे अवरुद्ध कर देता है।

रोहित शर्मा, राहुल द्रविड़ न्यूयॉर्क की बारिश में भीगने से बचने के लिए कार की ओर भागे, वीडियो वायरल- देखें

Related Articles

Back to top button