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उत्तर प्रदेश, नोएडा: जांच के घेरे में यमुना प्राधिकरण की आवासीय परियोजनाएं

उत्तर प्रदेश, नोएडा: जांच के घेरे में यमुना प्राधिकरण की आवासीय परियोजनाएं

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की आवासीय परियोजनाएं अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के दायरे में आ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबवेंशन स्कीम में कथित गड़बड़ियों को लेकर दिए गए निर्देशों के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। जांच के दायरे में यमुना प्राधिकरण के सेक्टर 17 ए में सुपरटेक की अपकंट्री, सेक्टर 22डी स्थित ओएसिस रियलटेक की ट्रैंडस्टैंड और जेपी ग्रुप की कोव और कासिया परियोजना को रखा गया है।
सीबीआई ने पिछले सप्ताह यीडा को औपचारिक पत्र भेजकर इन प्रमुख बिल्डरों की परियोजनाओं से जुड़े दस्तावेजों की मांग की है। इन दस्तावेजों में भूमि आवंटन से संबंधित फाइलें, लीज डीड, स्वीकृत भवन योजना, भुगतान रिकॉर्ड तथा बिल्डरों व प्राधिकरण के बीच हुए पत्राचार शामिल हैं। दरअसल, 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई को एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा था कि बिल्डरों और बैंकों के बीच की अवैध साठगांठ के कारण मासूम खरीदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अदालत ने इस मामले को देश भर में फैले एक बड़े रियल एस्टेट घोटाले की संज्ञा दी थी। इसके तहत सीबीआई को सात प्रारंभिक जांचें दर्ज करनी हैं।

इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम, गाजियाबाद और मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता जैसे महानगरों की परियोजनाएं शामिल हैं। जांच में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को पुलिस अधिकारियों की तैनाती के आदेश दिए गए हैं। उधर, यीडा के सीईओ डाॅ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों को सभी आवश्यक दस्तावेज सौंप दिए गए हैं।

यह है सबवेंशन स्कीम विवाद
सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डर बैंकों से समझौता कर लेते थे कि वे होम लोन की ईएमआई तब तक खुद चुकाएंगे जब तक खरीदार को फ्लैट का पजेशन नहीं मिल जाता। लेकिन कई मामलों में बिल्डरों ने समय पर भुगतान नहीं किया और बैंक सीधे खरीदारों से ईएमआई वसूलने लगे। इस तरह, हजारों खरीदार कर्ज के बोझ तले दब गए जबकि परियोजनाएं अधूरी रह गईं या दिवालियापन की प्रक्रिया में चली गईं।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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