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Moradabad: मुरादाबाद में एमडीए के खिलाफ किसान संगठन का जोरदार प्रदर्शन, भू-अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने की मांग

Moradabad: मुरादाबाद में एमडीए के खिलाफ किसान संगठन का जोरदार प्रदर्शन, भू-अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने की मांग

रिपोर्ट: अमित कुमार शुक्ला

मुरादाबाद में ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन की जिला इकाई के बैनर तले किसानों ने मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। अंबेडकर पार्क से कचहरी तक जुलूस निकाल कर किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की और जिला अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। किसानों की मांग थी कि एमडीए द्वारा वर्ष 2023 में जारी की गई भू-अधिग्रहण अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए।

ज्ञापन के माध्यम से संगठन ने बताया कि ठीक दो वर्ष पूर्व, 23 जून 2023 को एमडीए ने मुरादाबाद महानगर से सटे 11 गांवों की 1250 हेक्टेयर की उपजाऊ और बहु-फसली भूमि को अधिग्रहित करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। यह भूमि लाखों लोगों की जीविका का एकमात्र साधन है, जिसे किसी भी कीमत पर देने से किसान इनकार कर चुके हैं।

प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश के इस सबसे बड़े भू-अधिग्रहण के खिलाफ किसान दो वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। वे कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दे चुके हैं। एमडीए कार्यालय में बड़ी संख्या में शपथ पत्र जमा कर यह स्पष्ट किया गया है कि किसान अपनी एक इंच ज़मीन भी नहीं देंगे।

वक्ताओं ने आरोप लगाया कि एमडीए अब एक प्रॉपर्टी डीलर की तरह काम कर रहा है और गरीब किसानों की ज़मीन को बड़े बिल्डरों, कॉरपोरेट घरानों और अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को सौंपना चाहता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।

प्रदर्शन के दौरान संयोजक हरकिशोर सिंह एडवोकेट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह संघर्ष केवल जमीन के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के हक के लिए है। उन्होंने कहा कि जबरन भूमि अधिग्रहण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस मौके पर हरकिशोर सिंह एडवोकेट के साथ संतोष सिंह, नेत्र राम भारती, सुशील कुमार, मोहम्मद गौरी एडवोकेट, हरिश्चंद्र, संजीव सैनी, शिवलाल, दीपा अग्रवाल, सुरेश कुमार और माया राजपूत सहित कई किसान नेता और ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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