Moradabad: मुरादाबाद से उठी शांति की गुहार, ईरान-इज़राइल युद्ध से डरी ईरानी बहू फाइज़ा ने पीएम मोदी से की अपील

Moradabad: मुरादाबाद से उठी शांति की गुहार, ईरान-इज़राइल युद्ध से डरी ईरानी बहू फाइज़ा ने पीएम मोदी से की अपील
रिपोर्ट: अमित कुमार शुक्ला
ईरान और इज़राइल के बीच छिड़ा युद्ध अब मुरादाबाद में भी बेचैनी और दर्द की वजह बन चुका है। इस शहर में रहने वाली ईरान की मूल निवासी फाइज़ा इन दिनों गहरी चिंता और मानसिक तनाव में हैं। फाइज़ा ने लगभग एक वर्ष पूर्व मुरादाबाद निवासी दिवाकर से विवाह किया और भारत को ही अपना घर बना लिया। दिवाकर पेशे से यूट्यूबर हैं और मुरादाबाद में एक कैफे भी संचालित करते हैं। लेकिन अब जब उनके मायके—ईरान के हम्दान क्षेत्र—में युद्ध की विभीषिका मंडरा रही है, तो उनका मन बार-बार वहीं भटक रहा है।
फाइज़ा का कहना है कि ईरान में उनका पूरा परिवार—माता-पिता, भाई-बहन, भाभी—अभी भी वहीं रह रहा है, लेकिन बीते कई दिनों से उनसे संपर्क पूरी तरह टूट गया है। कभी-कभार जब किसी तरह कॉल लग भी जाती है, तो हालात इतने खराब होते हैं कि ठीक से बातचीत भी नहीं हो पाती। उनका मन आशंकाओं से घिरा है—हर पल एक नई बुरी खबर का डर।
फाइज़ा बताती हैं कि हम्दान में हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। आम लोग दहशत में जी रहे हैं और हर पल सिर पर मौत मंडरा रही है। युद्ध सिर्फ शरीर को ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी लोगों को बर्बाद कर देता है। उनका कहना है कि वे फिलहाल ईरान जाकर अपने परिवार से मिल भी नहीं सकतीं क्योंकि यात्रा अब असंभव हो गई है। वे उम्मीद करती हैं कि कुछ दिनों में हालात सुधरेंगे और युद्ध रुक जाएगा।
जब मीडिया ने फाइज़ा से संपर्क किया और उनके परिवार की स्थिति जाननी चाही, तो वे अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सकीं। उन्होंने रोते हुए कहा कि उन्हें कई दिनों से अपने घरवालों की आवाज़ भी सुनाई नहीं दी है। वह दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहा था। उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि कहीं इस युद्ध की आग में उनका परिवार न झुलस जाए।
फाइज़ा ने भारत सरकार से विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे इस युद्ध को रोकने में मध्यस्थता करें। उन्होंने कहा कि मोदी जी की वैश्विक पहचान और नेतृत्व क्षमता ऐसी है कि यदि वे चाहें तो दोनों देशों के नेताओं के बीच शांति वार्ता का रास्ता खुल सकता है। उनका विश्वास है कि अगर भारत पहल करे तो बेकसूर नागरिकों की जान बचाई जा सकती है और दुनिया एक और बड़ी त्रासदी से बच सकती है। इसी बातचीत के दौरान, फाइज़ा के पति दिवाकर के मोबाइल पर ईरान से उनके एक मित्र की वीडियो कॉल आई, लेकिन नेटवर्क खराब होने के कारण बात नहीं हो सकी। हालांकि उस कॉल में भी दोस्त के चेहरे पर डर और असहायता साफ नजर आ रही थी।