नई दिल्ली: ‘सूचना युद्ध संयुक्त युद्ध को प्रभावित कर रहा है’ : सेना
नई दिल्ली: -साइबर, मनोवैज्ञानिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सहित आधुनिक संघर्षों में सूचना युद्ध की भूमिका महत्वपूर्ण

नई दिल्ली, 18 फरवरी: समकालीन विश्व में साइबर, मनोवैज्ञानिक और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध जैसे आधुनिक संघर्ष, संयुक्त युद्ध का प्रारूप है और इसमें सूचना युद्ध की भूमिका महत्वपूर्ण है।
यह बातें एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख और संयुक्त युद्ध अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू ने मंगलवार को नई दिल्ली में कही। इस दौरान उन्होंने, समकालीन सुरक्षा चुनौतियों पर सिनर्जी जर्नल और एक मोनोग्राफ का विमोचन किया। जिनके शीर्षक ‘सूचना युद्ध संयुक्त युद्ध को प्रभावित कर रहा है’ और ‘रूस-यूक्रेन युद्ध: यूरोप एवं भारत के लिए प्रभाव नेविगेट करना’ हैं। अब ये दोनों प्रकाशन नीति निर्माताओं, सैन्य पेशेवरों, शोधकर्ताओं और शैक्षणिक संस्थानों के लिए आवश्यक संसाधन के रूप में काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भविष्य के युद्ध में कृत्रिम मेधा पहली पंक्ति में होगी। यह युद्ध के भविष्य को आकार देने में साइबर उपकरण और डिजिटल धोखे का आकलन करने में मदद करेगी। इस जर्नल में रणनीतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाव एवं भारत की चुनौतियों का मूल्यांकन शामिल है। यह प्रकाशन संयुक्त युद्ध में सूचना युद्ध की भूमिका की जांच करता है। यह तकनीकी व्यवधान की खोज करता है। साथ ही संयुक्त बल प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए कमांड, कंट्रोल, संचार, कंप्यूटर, खुफिया, निगरानी और टोही प्रणालियों के परिचालन और कंवर्जेंस पर चर्चा करता है।
वहीं दूसरा प्रकाशन, रूस-यूक्रेन संघर्ष के भू-राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा निहितार्थों का गहन विश्लेषण प्रदान करता है। यह यूरोपीय स्थिरता, भारत-रूस संबंधों और तेजी से विकसित हो रही वैश्विक व्यवस्था में भारत की रणनीतिक स्थिति पर युद्ध के प्रभाव का आकलन करता है। अध्ययन में भू-राजनीतिक पुनर्संरेखण, ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों, भारत के कूटनीतिक संतुलन, नाटो के इंडो-पैसिफिक विस्तार, यूरोपीय संघ-भारत सहयोग और दीर्घकालिक वैश्विक सुरक्षा निहितार्थ जैसे प्रमुख पहलुओं का पता लगाया गया है।
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